पंजाब चुनाव 2022: दिनेश मोंगिया ने शुरू की राजनीतिक पारी, कांग्रेस एवं अकाली दल के विधायक-सांसद BJP में शामिल

दिनेश मोंगिया ने दिल्ली में भाजपा का दामन थाम लिया. पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 से पहले पंजाब के पूर्व विधायक और सांसद भी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 28, 2021 4:13 PM

नयी दिल्ली: एक और क्रिकेटर की राजनीति के मैदान में एंट्री हुई है. नाम है दिनेश मोंगिया. टीम इंडिया में विकेटकीपर बल्लेबाज की भूमिका निभाने वाले दिनेश मोंगिया अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ओर से राजनीति के पिच पर अपना जलवा दिखायेंगे.

दिनेश मोंगिया ने मंगलवार को दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया. पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 (Punjab Assembly Elections 2022) से पहले पंजाब के पूर्व विधायक और सांसद भी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये.

राजनीति में पदार्पण के बाद भाजपा मुख्यालय में पूर्व क्रिकेटर दिनेश मोंगिया ने कहा कि मैं भाजपा के जरिये देश की सेवा करना चाहता हूं. उन्होंने कहा कि आज के समय में कोई दूसरी पार्टी नहीं है, जो भारतीय जनता पार्टी से देश का बेहतर विकास कर सके.

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कांग्रेस के पूर्व विधायक फतेह बाजवा, अकाली दल के पूर्व विधायक गुरतेज सिंह गुढ़ियाना, संयुक्त अकाली दल के सांसद राजदेव सिंह खालसा और पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के रिटायर्ड एडीसी और एडवोकेट मधुमीत ने दिल्ली में भगवा दल की सदस्यता ली.

केंद्रीय मंत्री और पंजाब भाजपा के प्रभारी गजेंद्र सिंह शेखावत ने दिनेश मोंगिया, फतेह बाजवा, गुरतेज सिंह गुढ़ियाना, राजदेव सिंह खालसा और मधुमीत को पार्टी की सदस्यता दिलायी. पंजाब में अगले वर्ष विधानसभा के चुनाव होने हैं.

कादियां से विधायक बाजवा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा के भाई हैं. बाजवा के अलावा पंजाब से कांग्रेस के मौजूदा विधायक बलविंदर सिंह लड्डी भी मंगलवार को भाजपा में शामिल हो गये. ये नेता ऐसे समय में भाजपा में शामिल हुए हैं, जब एक दिन पहले पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींडसा ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की.

इस मुलाकात के बाद भाजपा और इन दोनों नेताओं के दलों के औपचारिक गठबंधन की घोषणा की गयी. भाजपा में नेताओं का स्वागत करते हुए शेखावत ने कहा कि अन्य दलों के नेता भाजपा में शामिल हो रहे हैं, क्योंकि पार्टी की पंजाब में पकड़ मजबूत हो रही है. पिछले कई दिनों में भाजपा पंजाब में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए नेताओं और प्रतिष्ठित शख्सियतों को पार्टी में शामिल कर रही है.

वर्ष 2017 में मात्र 3 सीट जीतने वाली भारतीय जनता पार्टी इस बार कई दलों के साथ मिलकर जनाधार बढ़ाने में जुटी है. वर्ष 2017 में शिरोमणि अकाली दल (बादल) के साथ मिलकर बीजेपी चुनाव लड़ी थी. तब पार्टी 23 सीट पर चुनाव लड़ी और मात्र 3 सीट जीत पायी थी.

उस चुनाव में कांग्रेस ने सभी 117 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और उसने सबसे ज्यादा 77 सीटें जीतकर अकाली दल-बीजेपी गठबंधन को सत्ता से बेदखल कर दिया था. आम आदमी पार्टी 112 सीटों पर लड़ी और 20 सीट जीतकर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी.

लगातार 10 साल तक पंजाब में शासन करने वाली शिरोमणि अकाली दल ने 94 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, जिसमें 15 प्रत्याशी जीते थे. पंजाब की कुल 117 विधानसभा सीटों में 34 अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित है. तृणमूल कांग्रेस, बसपा, सीपीआई, सीपीएम और एनसीपी ने भी अपना भाग्य आजमाया था, लेकिन इनका खाता नहीं खुल सका.

Posted By: Mithilesh Jha

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