Dhruv Rathee : बैकफुट पर यूट्यूबर ध्रुव राठी, डिलीट करना पड़ा वीडियो

Dhruv Rathee : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) ने साइबर क्राइम सेल में शिकायत दर्ज कराकर ध्रुव राठी के खिलाफ कार्रवाई और उनके यूट्यूब चैनल के रिव्यू करने की मांग की है. अकाल तख्त के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गर्गज ने कहा कि राठी ने वीडियो पोस्ट करके सिख परंपराओं और भावनाओं का अपमान किया है.

By Amitabh Kumar | May 20, 2025 7:14 AM

Dhruv Rathee : यूट्यूबर ध्रुव राठी ने सोमवार को “द सिख वॉरियर हू टेररिफाइड द मुगल्स” शीर्षक से अपना एआई-जनरेटेड वीडियो हटा दिया. अकाल तख्त, शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) की कड़ी आपत्ति के बाद उन्होंने यह कदम उठाया. वीडियो में सिख गुरुओं को मानव रूप में दर्शाने के कारण इसकी निंदा की गई थी. इसे एसजीपीसी और शिअद ने अनुचित बताया था और कहा था कि सिख गुरुओं को मानव रूप या फिल्मों में नहीं दिखाया जाना चाहिए.

ध्रुव राठी ने क्यों हटाया वीडियो?

इंस्टाग्राम पोस्ट में ध्रुव राठी ने बताया कि उनके वीडियो पर पॉजिटिव रिएक्शन के बावजूद, उन्होंने इसे हटाने का फैसला किया. ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ सोशल मीडिया यूजर का मानना ​​है कि सिख गुरुओं का कोई भी एनिमेटेड चित्रण उनकी मान्यताओं के साथ मेल नहीं खाता. इससे भावनाएं आहत होतीं हैं. आगे उन्होंने कहा, “मैं नहीं चाहता कि इससे कोई राजनीतिक या धार्मिक विवाद पैदा हो, क्योंकि यह वीडियो केवल हमारे भारतीय नायकों की कहानियों को एक नए प्रारूप में प्रदर्शित करने का एक प्रयास था.”

इस बीच, दिल्ली के कैबिनेट मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने सिख इतिहास पर राठी के वीडियो की आलोचना की. उन्होंने इसे अपमानजनक और सिख गुरुओं और शहीदों की विरासत को विकृत करने का प्रयास बताया.

एसजीपीसी और शिअद ने क्या कहा

एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कहा, “इस तरह के चित्रण सिख सिद्धांतों और परंपराओं का उल्लंघन करते हैं. सिख धर्म में गुरुओं, साहिबजादों और उनके परिवारों को मानवीय रूप में या फिल्मों में नहीं दिखाया जा सकता. इसलिए, इस यूट्यूबर ने सिख धर्म के सिद्धांतों के खिलाफ काम किया है.” उन्होंने कहा कि सिख गुरुओं का इतिहास पवित्र है और इसे विकृत नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर वीडियो नहीं हटाया गया तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा, “इस तरह के चित्रण सिख मर्यादा का उल्लंघन करते हैं. इसने समुदाय की भावनाओं को बहुत ठेस पहुंचाई है.”