Defense: सैन्य चिकित्सा सेवा को बेहतर बनाने के लिए विशेषज्ञ करेंगे मंथन
गुरुवार को दिल्ली के मानेकशा सेंटर में डायरेक्टर जनरल ऑफ मेडिसिन सर्विस(आर्मी) की ओर से 'इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑन फिजिकल एंड मेंटल ट्रॉमा इन मिलिट्री सेटिंग' विषय पर सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें सेना के लिए आधुनिक चिकित्सा सेवा मुहैया कराने के लिए रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देने पर विशेष रूप से मंथन किया जायेगा.
Defense: किसी भी देश की सेना का मानसिक और शारीरिक तौर पर स्वस्थ होना बेहद जरूरी है. इस दिशा में हर देश की सेना के लिए आधुनिक स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने का काम किया जा रहा है. भारतीय सेना भी आधुनिक सैन्य चिकित्सा सेवा के लिए वैश्विक स्तर पर सहयोग बनाने के साथ रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा दे रही है. दो दिवसीय सेमिनार में वैश्विक स्तर पर सेना के स्वास्थ्य को लेकर आने वाली भावी चुनौतियों पर चर्चा होगी. इस दौरान सैन्य चिकित्सा को लेकर इनोवेशन और सुधार करने के तरीकों पर विचार किया जायेगा.
गुरुवार को दिल्ली के मानेकशा सेंटर में डायरेक्टर जनरल ऑफ मेडिसिन सर्विस(आर्मी) की ओर से ‘इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑन फिजिकल एंड मेंटल ट्रॉमा इन मिलिट्री सेटिंग’ विषय पर सेमिनार का आयोजन गया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कहा कि भारत सरकार सेना के लिए आधुनिक चिकित्सा सेवा मुहैया कराने के लिए रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देने का काम करने पर गौर और मंथन करेगी. भविष्य के लिए देश के सैनिकों को तैयार करने के लिए ऐसा करना बेहद आवश्यक है. संकट के समय सेना को आधुनिक चिकित्सा सेवा मुहैया कराना समय की मांग है.
सैन्य चिकित्सा सेवा के समक्ष चुनौतियों से निपटने पर होगा मंथन
यह कार्यक्रम सिर्फ वैज्ञानिकों का जमावड़ा नहीं बल्कि यह सामरिक प्रयास है और इसका मकसद सेना में ट्रामा केयर सुविधा को बेहतर बनाना है. इसके अलावा कार्यक्रम में सैन्य नर्सिंग सेवा के 100 साल पूरे होने की सराहना की गयी. इस सेवा में महिला शक्ति के योगदान को याद किया गया. कार्यक्रम में आधुनिक ट्रॉमा केयर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य आधुनिक तकनीक के उपयोग पर विचार किया गया. इस कार्यक्रम में 15 देशों के सैन्य अधिकारी, चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े सैन्य विशेषज्ञ शामिल हो रहे हैं. साथ ही चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े पेशेवर, सैन्य मेडिकल डेलीगेशन और अन्य विशेषज्ञ शामिल होंगे. सरकार की कोशिश युद्ध क्षेत्र में घायल होने वाले सैनिकों को आधुनिक चिकित्सा सेवा मुहैया कराना है.
