भारत का डीएनए बताने वाले आरएसएस के नए सरकार्यवाह बनाए गए दत्तात्रेय होसबोले, भैयाजी जोशी की लेंगे जगह

आरएसएस ने ट्वीट बताया, ‘बेंगलुरु में आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (एबीपीएस) ने श्री दत्तात्रेय होसबोले को सरकार्यवाह चुन लिया.' संघ ने ट्वीट में कहा कि वह 2009 से ही आरएसएस के सह-सरकार्यवाह थे. होसबोले 73 वर्षीय भैयाजी जोशी का स्थान लेंगे, जो तीन-तीन वर्षों के लिए चार बार सरकार्यवाह रहे.

By Prabhat Khabar Print Desk | March 20, 2021 2:37 PM

बेंगलुरु : भारत का डीएनए बताने वाले और कर्नाटक में जन्मे दत्तात्रेय होसबोले शनिवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के ‘सरकार्यवाह’ चुने गए. अभी तक वह संघ के सह-सरकार्यवाह थे. चुनाव अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (एबीपीएस) की दो दिवसीय वार्षिक बैठक में हुआ, जो संघ की सर्वोच्च नीति निर्णायक इकाई है. बैठक यहां शुक्रवार को शुरू हुई. संभावना यह भी जाहिर की जा रही है कि शनिवार देर शाम तक आरएसएस की नई कार्यकारिणी का ऐलान भी किया जा सकता है.

आरएसएस ने ट्वीट बताया, ‘बेंगलुरु में आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (एबीपीएस) ने श्री दत्तात्रेय होसबोले को सरकार्यवाह चुन लिया.’ संघ ने ट्वीट में कहा कि वह 2009 से ही आरएसएस के सह-सरकार्यवाह थे. होसबोले 73 वर्षीय भैयाजी जोशी का स्थान लेंगे, जो तीन-तीन वर्षों के लिए चार बार सरकार्यवाह रहे.

बता दें कि बीते 21 फरवरी 2021 को लखनऊ में अपने भाषण में दत्तात्रेय होसबोले उन्होंने कहा था कि पूरे भारत का केवल एक ही डीएनए है और वह है ‘हिंदू.’ उन्होंने कहा कि संघ में हिंदू एक राष्ट्रवाचक शब्द है. पूरे भारत का एक डीएनए है और उस डीएनए का नाम हिंदू है.

उन्होंने कहा कि हिंदुत्व की एक पहचान है और खुद को धर्मनिरपेक्ष बताने वालों ने इस तथ्य के बावजूद कि यह एक विविध विचार है, इसे सांप्रदायिक बताया है. उन्होंने कहा कि आरएसएस जो भी हिंदुत्व पर कहता है, उसे समझा जाना चाहिए. उन्होंने ये बातें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में संगठन के वरिष्ठ प्रचारक और अखिल भारतीय सह प्रचारक सुनील आंबेकर द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर लिखित एक पुस्तक जारी करने के मौके पर कही थी.

बता दें कि सरकार्यवाह पद को संघ में सरसंघचालक के बाद दूसरे नंबर का पद माना जाता है. हालांकि 2018 के चुनाव में भय्याजी ने सरकार्यवाह के दायित्व से मुक्त करने का आग्रह किया था, लेकिन उनके नेतृत्व में संघ के बढ़ते कामों को देखते हुए संघ ने उन्हें फिर से यह दायित्व देने का निर्णय लिया था.

फिलहाल, मोहन भागवत सरसंघचालक हैं. एबीपीएस की वार्षिक बैठक अलग-अलग स्थानों पर होती है, लेकिन हर तीसरे वर्ष यह नागपुर स्थित आरएसएस के मुख्यालय में होती है, जहां सरकार्यवाह का चुनाव होता है. बहरहाल, महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए इस वर्ष इसे बेंगलुरु स्थानांतरित कर दिया गया.

65 वर्षीय होसबोले का जन्म शिवमोगा के सोराब में हुआ था. वह अंग्रेजी साहित्य में एमए किए हैं. 1968 में वह संघ में शामिल हुए थे. शुरू में वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीपी) के साथ जुड़े, जो आरएसएस की छात्र शाखा है.

कर्नाटक के रहने वाले दत्तात्रेय होसबले का जन्म 1 दिसंबर 1954 को हुआ है. वर्ष 1968 में वे कर्नाटक के शिवमोंगा जिला में संघ के संपर्क में आए और स्वयंसेवक बने. वर्ष 1978 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्णकालिक सदस्‍य बने और 1990 में प्रचारक की घोषणा हुई.

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Posted by : Vishwat sen

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