Cyber Crime: चीनी ठगों को भारतीयों का डाटा भेजकर वसूलते थे मोटी रकम, दिल्ली पुलिस ने गैंग का किया खुलासा

Cyber Crime: दिल्ली पुलिस ने चीनी ठगों से संपर्क बनाकर मोटी रकम वसूलने वाले शातिर गैंग का खुलासा किया है. गैंग के सदस्य चीनी ठगों को भारतीय नागरिकों का डाटा उपलब्ध कराते थे और इसके बदले में उन्हें मोटी रकम मिलती थी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2022 10:19 PM

Cyber Crime: दिल्ली पुलिस ने चीनी ठगों से संपर्क बनाकर मोटी रकम वसूलने वाले शातिर गैंग का खुलासा किया है. आउटर जिला के साइबर थाना पुलिस ने इस मामले का पर्दाफाश करते हुए बताया कि गैंग के सदस्य चीनी ठगों को भारतीय नागरिकों का डाटा उपलब्ध कराते थे और इसके बदले में उन्हें मोटी रकम मिलती थी. बताया गया कि धोखाधड़ी का यह पूरा खेल हांगकांग से संचालित हो रहा है.

गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से बरामद हुई ये चीजें

साइबर थाना पुलिस की टीम ने इस मामले में गैंग के ग‍िरफ्तार सदस्‍यों की पहचान रवी कुमार पंकज, जावेद रजा अंसारी और विकास यादव के रूप में की है. इनके कब्जे से 4 मोबाइल फोन डिवाइस, चार सिम कार्ड और धोखाधड़ी में इस्तेमाल सात चेक बुक भी बरामद की हैं. पुलिस की टीम ने जांच के दौरान पाया कि एक ही दिन में एक आरोपी के एक बैंक खाते में 19.5 करोड़ रुपए का लेन-देन हुआ था. हालांकि, इस धोखाधड़ी के पीछे किंग-पिन हांगकांग से संचालित हो रहा है. आईपी पते को ट्रैक करने और इस साइबर धोखाधड़ी के पीछे मुख्य अपराधी को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं.

महिला ने दर्ज कराई थी शिकायत

पुलिस अधिकारियों की मानें तो बीते दिनों एक महिला ने धोखधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी. बताया कि उसे कुछ पैसे चाहिए थे, जिसके लिए उसने एक प्ले स्टोर से मैजिक मनी ऐप के नाम से एप डाउन लोड किया था, जिससे 65 हजार रुपये लोन लिया और समय पर उसका भुगतान भी कर दिया था. बावजूद इसके उसे रिकवरी एजेंट से फोन आने लगे. इस दौरान अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए उन्हें भुगतान करने की धमकी दी गई. पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद महिला से एप और अनजान फोन की कॉल ड‍िटेल लेकर जांच की. कॉल डिटेल के आधार पर संदिग्ध मोबाइल नंबरों से जुड़े अन्य बैंक खातों का पता लगाया गया और उनके लेन-देन का विश्लेषण किया गया.

जांच के दौरान सामने आई ये बात

जांच के दौरान पाया गया है कि कई चीनी संचालित प्ले स्टोर लोन देने के कई एप मौजूद हैं. यह सात दिनों की अवधि के लिए इन एप्लिकेशन को डाउनलोड करने वाले किसी भी व्यक्ति को तुरंत पैसा उधार देते हैं. लोन लेने के बाद कुल राशि का 25 फीसदी शुल्क के रूप में काट लिया जाता है और यदि शेष राशि का भुगतान 7 दिनों के भीतर नहीं किया जाता है, तो ब्याज और दंड एक साथ 200 फीसदी उधार राशि का दोबारा से भुगतान करना पड़ता है. धन का भुगतान नहीं करने पर नेपाल जैसे पड़ोसी देशों से संचालित कॉल सेंटर पीड़ितों को उनके व्यक्तिगत डेटा को लीक करने और उनके संपर्कों को अपमानजनक टिप्पणी करने की धमकी देते हैं.

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