गाय हिंदुओं की और बैल मुसलमानों का ? शाहरुख खान की ‘पठान’ के विवाद को लेकर बोले फारूक अब्दुल्ला

राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी के बयान पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा कि यदि इस देश को बचना है तो मुसलमान हो, हिंदू हो, सिख हो, ईसाई हो, हम सबको भाईचारे में रहना है.

By Amitabh Kumar | December 23, 2022 4:29 PM

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने शुक्रवार को धारा 370 को लेकर मोदी सरकार पर जोरदार हमला किया. उन्होंने कहा कि सरकार ने कहा था कि धारा 370 हटने से आतंकवाद खत्म हो जाएगा. इसे हटाए हुए कितने साल हो गए हैं ? क्या आतंकवाद (घाटी में) समाप्त हो गया है? आगे उन्होंने कहा कि शाहरुख खान की नयी फिल्म (पठान) में भगवा रंग के कपड़े पहनने पर विवाद छिड़ गया. क्या इसका मतलब यह है कि भगवा हिंदुओं का है और हरा मुसलमानों का? यह क्या है? गाय हिंदुओं की और बैल मुसलमानों का?

भारत में बढ़ी है नफरत

फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि यह सच है कि भारत में नफरत बढ़ी है लेकिन देश छोड़ना कोई समाधान नहीं है. हमें एकजुट रहना है और नफरत को देश से खत्म करना है. यदि इस देश को बचाना है, तो सभी धर्मों के लोगों को भाईचारे का पालन करना चाहिए. आरजेडी नेता एबी सिद्दीकी के बयान पर पूर्व जम्मू-कश्मीर के सीएम फारूक अब्दुल्ला ने उक्त बातें कही. उन्होंने कहा कि देश जरूर मुश्किल से गुजर रहा है, नफरतें बढ़ गयी हैं मगर देश छोड़ने से नफरतें कम नहीं होने वाली है.

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रामराज्य ये ही था कि सब बराबर

राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी के बयान पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा कि यदि इस देश को बचना है तो मुसलमान हो, हिंदू हो, सिख हो, ईसाई हो, हम सबको भाईचारे में रहना है. रामराज्य ये ही था कि सब बराबर हैं. कोई भी देश का आदमी पीछे रह जाए तो देश मजबूत नहीं हो सकता.

राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी भाजपा के निशाने पर

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बिहार इकाई ने अपने बच्चों को विदेश में बसने की सलाह देने के लिए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रधान राष्ट्रीय महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी को आड़े हाथ लिया है. आपको बता दें कि सिद्दीकी के एक समारोह में भाषण की पिछले हफ्ते सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक छोटी वीडियो क्लिप में उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘‘देश का जो माहौल है, उसे बताने के लिए मैं एक व्यक्तिगत उदाहरण का हवाला देना चाहता हूं. मेरा एक बेटा है जो हार्वर्ड (यूनिवर्सिटी) में पढ़ रहा है और एक बेटी है, जो लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पढ़ी है. मैंने उनसे कहा है कि वे विदेश में नौकरी तलाशें और हो सके तो विदेशी नागरिकता भी ले लें.

सिद्दीकी को वायरल वीडियो में यह भी कहते सुना जा सकता है कि जब मेरे बच्चों ने मेरे यहां (भारत में) रहने की ओर इशारा करते हुए (मेरी सलाह पर) अविश्वास के साथ अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की तो मैंने उनसे कहा कि वे सामना नहीं कर पाएंगे.

भाषा इनपुट के साथ

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