COVID 19 XE Variant: भारत में कोरोना की चौथी लहर आने की कितनी संभावना? जानें क्या है एक्सपर्ट की राय

COVID 19 XE Variant: कोविड का न्यू वैरिएंट एक्सई भारत में दस्तक दे चुका है और इससे संक्रमित मरीज गुजरात और मुंबई में मिले है. सामने आ रही रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोरोना का यह नया वैरिएंट बेहद संक्रामक है और काफी तेजी के साथ फैलता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 11, 2022 8:46 PM

COVID 19 XE Variant: कोविड का न्यू वैरिएंट एक्सई भारत में दस्तक दे चुका है और इससे संक्रमित मरीज गुजरात और मुंबई में मिले है. सामने आ रही रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोरोना का यह नया वैरिएंट बेहद संक्रामक है और काफी तेजी के साथ फैलता है. महाराष्ट्र और गुजरात में इस नए वैरिएंट से संक्रमित दो मरीज पाए जाने के बाद भारत में कोरोना की चौथी लहर की चिंता बढ़ने लगी है.

BA.2 वैरिएंट की तुलना में 10 फीसदी ज्यादा संक्रामक

कोविड-19 के XE ओमिक्रॉन के 2 सब लीनेज BA.1 और BA.2 का रीकॉम्बिनेंट स्ट्रेन है और डब्ल्यूएचओ ने इस वैरिएंट को कोरोना के BA.2 वैरिएंट की तुलना में 10 फीसदी ज्यादा संक्रामक बताया है. हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि एक्सई वैरिएंट हल्का प्रतीत होता है. किसी भी वायरस से बचे रहने के लिए उसके लक्षण जानना बेहद जरूरी है.

XE वैरिएंट को लेकर क्या कहते है एक्सपर्ट

आज तक की रिपोर्ट में हिंदुजा अस्पताल और मेडिकल रिसर्च सेंटर, खार में क्रिटिकल केयर के सलाहकार डॉ. भारेश डेढिया के हवाले से बताया गया है कि XE हाइब्रिड स्ट्रेन का मेडिकली रूप से कोई भी इस वैरिएंट के बीच अंतर नहीं कर सकता. ऐसा लगता है कि नया सब-वैरिएंट XE, ओमिक्रॉन के सभी लक्षणों के ही समान है. यह आमतौर पर हल्का है और बहुत गंभीर भी नहीं है. XE वैरिएंट लगभग 3 महीने से मौजूद है और अभी तक ओमिक्रॉन की तरह पूरी दुनिया में नहीं फैला है. इसलिए माना जा सकता है कि यह कोई अलग वैरिएंट नहीं है, बल्कि ओमिक्रॉन के ही समान है. वहीं, अन्य एक्सपर्ट्स के अनुसार, अभी तक इस बात का कोई सबूत नहीं है कि XE वैरिएंट के लक्षण पहले से मौजूद वैरिएंट से अलग हैं. एक्सपर्ट के मुताबिक, XE वैरिएंट के अब तक सामने आ रहे लक्षणों में थकान, सुस्ती, बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द, घबराहट और हार्ट संबंधित समस्याएं शामिल है.

XE वैरिएंट की वजह से आएगी चौथी लहर

आज तक की रिपोर्ट में हैदराबाद में यशोदा अस्पताल में डॉ. सलाहकार पल्मोनोलॉजिस्ट चेतन राव वड्डेपल्ली के मुताबिक बताया गया है कि यह कहना काफी मुश्किल होगा कि XE वैरिएंट से संक्रमित लोग अधिक गंभीर हो रहे हैं या उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट होने की संभावना है. साथ ही इस वैरिएंट से मृत्यु दर में भी वृद्धि नहीं देखी जा रही है. इसे साबित करने के लिए अभी और रिसर्च की आवश्यकता है. वहीं, WHO की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन के मुताबिक, XE वैरिएंट डेल्टा वैरिएंट की तरह खतरनाक नहीं होगा. भारत में अधिकांश लोग वैक्सीनेटेड हो चुके हैं.

अलर्ट रहने की जरूरत

डॉ. भारेश डेढिया की मानें तो इस वैरिएंट से भी पहले की तरह ही सावधान रहने की जरूरत है. पिछले 2 सालों से जो सावधानियां रखी जा रही हैं, उनसे इस वायरस से भी बचा जा सकता है. भले ही स्थानीय राज्य सरकारों ने मास्क को अनिवार्यता से हटा दिया हो, लेकिन मेरा मानना ​​है कि हमें मास्क पहनना जारी रखना चाहिए, भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचना चाहिए और अपनी सेहत पर ध्यान देना चाहिए.

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