WHO के वैज्ञानिक ने की कोवैक्सीन की तारीफ, जल्द मिल सकती है मंजूरी

Covaxin WHO approval update Soumya Swaminathan: प्रक्रिया कहां तक पहुंची इस संबंध में कहा, प्री-सबमिशन बैठक 23 जून को हुई थी और अब उसके ट्रायल के डेटा बेहतर हैं. सीएनबीसी-टीवी18 को दिए एक इंटरव्यू में सौम्या स्वामीनाथन ने ट्रायल डेटा की तारीफ की है. डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ वैक्सीन की प्रभावशीलता कम है मगर फिर भी यह काफी अच्छा है. कोवैक्सीन की सुरक्षा प्रोफाइल डब्ल्यूएचओ की शर्तों को पूरा करती है. अब संभव है कि जल्द ही इसे इजाजत मिल जायेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 9, 2021 9:25 AM

भारत की कोवैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन जल्दी मंजूरी दे सकता है. वैक्सीन को डब्ल्यूएचओ की चीफ साइंटिस्ट ने इस वैक्सीन को असरदार मना है और इसके परिणामों की भी जमकर तारीफ की है.

डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सीन के जो परिणाम सामने आये हैं वो अच्छे हैं. इस पर विशेष डाटा शेयर किया गया है जो ट्रायल के बाद आये हैं वो भी अच्छा है. कोवैक्सीन लंबे समय से डब्ल्यूएचओ की मंजूरी का इंतजार कर रहा है.

प्रक्रिया कहां तक पहुंची इस संबंध में कहा, प्री-सबमिशन बैठक 23 जून को हुई थी और अब उसके ट्रायल के डेटा बेहतर हैं. सीएनबीसी-टीवी18 को दिए एक इंटरव्यू में सौम्या स्वामीनाथन ने ट्रायल डेटा की तारीफ की है. डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ वैक्सीन की प्रभावशीलता कम है मगर फिर भी यह काफी अच्छा है. कोवैक्सीन की सुरक्षा प्रोफाइल डब्ल्यूएचओ की शर्तों को पूरा करती है. अब संभव है कि जल्द ही इसे इजाजत मिल जायेगी.

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जिन वैक्सीन को आपातकालिन इस्तेमाल की इजाजत मिली है उन पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है. उन्होंने बताया कि हम हम सभी पर कड़ी नजर रखते हैं. हम ज्यादा से ज्यादा जानकारियां इकट्ठा करते हैं, डाटा की तलाश में रहते हैं. स्वामीनाथन ने भारत में कम से कम 60-70 प्रतिशत आबादी के प्राथमिक टीकाकरण का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि भारत ब्रिटेन जैसे देशों से प्रेरणा ले सकता है, जो बूस्टर शॉट्स की योजना बना रहे हैं. डब्ल्यूएचओ जल्द ही बूस्टर शॉट्स की सिफारिश नहीं करेगा इसके भी संकेत दे दिये गये हैं.

हैदराबाद ने अपने ट्रायल की रिपोर्ट जारी की थी जिसमें उन्होंने बताया कि कोवैक्सीन कोरोना से लड़ने में पूरी तरह कारगर है और डेल्टा वेरिएंट से भी मरीजों को सुरक्षित रखता है. कोवैक्सीन कोरोना के खिलाफ 77.8 फीसदी प्रभावी पाई वहीं डेल्टा वेरिएंट पर इसे 65.2% असरदार बताया गया है.

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ध्यान रहे कि कोरोना वैक्सीन को अबतक विश्व स्वास्थ्य संगठन की आपात इस्तेमाल की श्रेणी में शामिल नहीं किया है. भारत इसके लिए लगातार प्रयास कर रहा है अब विश्व स्वास्थ्य संगठन की वैज्ञानिक ने कोवैक्सीन को बेहतर बताया है. वैज्ञानिक की यह बातचीत संकेत देता है कि जल्द ही कोवैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन मंजूरी देगा.

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