बेकाबू कोरोना संक्रमण पर डॉक्टरों की चेतावनी, हेल्थ वर्कर्स की जिंदगी से नहीं कर सकते खिलवाड़

अब यह सोचना बंद कर दें कि कोरोना की तीसरी लहर में जो संक्रमण फैल रहा है, उसका असर बहुत गंभीर नहीं है. अगर हमने ये सोच लिया और अस्पतालों पर बोझ बढ़ गया, तो हमारे स्वास्थ्यकर्मी बुरी तरह से प्रभावित होंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 6, 2022 5:51 PM

नयी दिल्ली: देश में कोरोना की रफ्तार बेकाबू हो चुकी है. कोरोना की तीसरी लहर हमारे देश में आ चुकी है. तीसरी लहर में डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी तेजी से संक्रमित हो रहे हैं. इससे अस्पतालों और डॉक्टरों की चिंता बढ़ गयी है. डॉक्टरों ने लोगों को अपने व्यवहार में सुधार करने की चेतावनी दी है. कहा है कि अगर अभी नहीं संभले, तो हालात को संभालना मुश्किल हो जायेगा.

ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) के न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ पी सरत चंद्रा ने लोगों से अपील की है कि सभी लोग जल्दी से जल्दी वैक्सीन लगवा लें. जब भी घर से बाहर निकलें या किसी दूसरे व्यक्ति से मिलें, तो मास्क का इस्तेमाल जरूर करें, ताकि कोरोना को किसी भी तरह से फैलने का मौका नहीं मिले.

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डॉ पी सरत चंद्रा ने कहा है कि अब यह सोचना बंद कर दें कि कोरोना की तीसरी लहर में जो संक्रमण फैल रहा है, उसका असर बहुत गंभीर नहीं है. अगर हमने ये सोच लिया और अस्पतालों पर बोझ बढ़ गया, तो हमारे स्वास्थ्यकर्मी बुरी तरह से प्रभावित होंगे. अगर वे संक्रमित हो गये, तो हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था बुरी तरह से चरमरा जायेगी. इसलिए मामले की गंभीरता को समझें और पूरी समझदारी बरतें, ताकि कोरोना का संक्रमण न फैले.

डॉ चंद्रा ने कहा है कि अस्पताल का बोझ बिल्कुल न बढ़ायें. कोरोना की दूसरी लहर में जैसा हुआ, वैसा इस बार न करें. अस्पतालों में भीड़ न बढ़ायें. मान लेते हैं कि दिल्ली की आबादी 2.5 करोड़ है. इसमें से अगर 1 फीसदी लोगों को भी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, तो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) इसे संभाल नहीं पायेगा. और हम एक साथ दो-दो मुश्किलों को नहीं झेल पायेंगे.

डॉ चंद्रा ने कहा कि अगर आम लोगों के साथ-साथ हेल्थकेयर वर्कर, जिसमें डॉक्टर, नर्स और पारा मेडिकल स्टाफ शामिल हैं, भी संक्रमित हो जायेंगे, तो हालात हमारे हाथ से निकल जायेंगे. हमें अपने स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा करनी होगी. उनको पूरी सावधानी बरतनी होगी, क्योंकि वही हमारे फ्रंटलाइन सोल्जर यानी अग्रिम पंक्ति के सैनिक हैं.

डॉ चंद्रा ने बताया कि सिर्फ उनके यूनिट के ही करीब 50 फीसदी रेजिडेंट डॉक्टर बीमार पड़ चुके हैं. उन सभी में हल्के लक्षण दिख रहे हैं, लेकिन वे काम करने की स्थिति में नहीं हैं. हमारे डॉक्टर बीमार पड़ जायें, हम इसे झेल नहीं पायेंगे. लोगों का इलाज करने के लिए डॉक्टरों की जरूरत पड़ती है और इसके लिए चिकित्सकों का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है.

उल्लेखनीय है कि दिल्ली में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. मौत के आंकड़े भी बढ़ने लगे हैं. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने एक दिन पहले ही कहा है देश में कोरोना की तीसरी लहर आ चुकी है. दिल्ली में यह कोरोना की पांचवीं लहर है. गुरुवार को दिल्ली में 14000 से अधिक कोरोना के मामले आने की आशंका जतायी गयी है. बुधवार को यहां 10 हजार से अधिक मामले सामने आये थे.

Posted By: Mithilesh Jha

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