कांग्रेस चिंतन शिविर: कांग्रेस में अब “एक परिवार, एक टिकट”, जानें अजय माकन ने क्‍या कहा

चिंतन शिविर के लिए बनी कांग्रेस की संगठन संबंधी समन्वय समिति के सदस्य माकन ने कहा कि संगठन का निचला स्तर बूथ समिति का होता है. ब्लॉक समिति के नीचे बूथ आते हैं. लेकिन अब इनके बीच में, मंडल समिति बनाने का प्रस्ताव है.

By Agency | May 13, 2022 4:24 PM

कांग्रेस का चिंतन शिविर 13 मई से शुरू हो गया है. इसमें पार्टी की ओर से “एक परिवार, एक टिकट” की बात कही गयी है. कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि शुक्रवार से आरंभ हुए उसके चिंतन शिविर (Congress Chintan Shivir) में चर्चा के लिए यह प्रस्ताव रखा गया है कि “एक परिवार, एक टिकट” की व्यवस्था की जाए और परिवार के दूसरे सदस्य को टिकट तभी मिले जब वह संगठन में कम से कम पांच साल काम करे.

कांग्रेस में काम करने की व्यवस्था बहुत पुरानी

पार्टी महासचिव अजय माकन ने यह भी बताया कि संगठन में स्थानीय समिति से लेकर कांग्रेस कार्य समिति तक, हर जगह 50 प्रतिशत स्थान 50 साल से कम उम्र के लोगों को दिये जाने का भी प्रस्ताव रखा गया है. उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस में काम करने की व्यवस्था बहुत पुरानी है. इस चिंतन शिविर के माध्यम से इसमें आमूल-चूल परिवर्तन किया जाएगा.

संगठन का निचला स्तर बूथ समिति

चिंतन शिविर के लिए बनी कांग्रेस की संगठन संबंधी समन्वय समिति के सदस्य माकन ने कहा कि संगठन का निचला स्तर बूथ समिति का होता है. ब्लॉक समिति के नीचे बूथ आते हैं. लेकिन अब इनके बीच में, मंडल समिति बनाने का प्रस्ताव है. हर मंडल समिति में 15 से 20 बूथ होंगे. इस पर सर्वसम्मति भी है. उनके मुताबिक, एक प्रस्ताव यह है कि “एक परिवार, एक टिकट” की व्यवस्था की जाए और परिवार के दूसरे सदस्य को टिकट तभी मिले, जब वह संगठन में कम से कम पांच साल काम कर ले.

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तीन साल का “कूलिंग पीरियड”

माकन ने बताया कि यह भी प्रस्ताव है कि संगठन में किसी पद पर कोई व्यक्ति अधिकतम पांच साल रहे और फिर उसके पद पर आसीन होने के लिए तीन साल का “कूलिंग पीरियड” हो. उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर सर्वेक्षण और इस तरह के अन्य कार्यों के लिए पार्टी में “पब्लिक इनसाइट डिपार्टमेंट” बनाने का भी प्रस्ताव है. आगे माकन ने कहा कि इसके अलावा यह भी प्रस्ताव है कि पदाधिकारियों के कामकाजी प्रदर्शन की जांच परख के लिए आकलन इकाई (असेसमेंट विंग) बने ताकि अच्छी तरह काम करने वालों को जगह मिले और काम नहीं करने वालों को हटाया जाए.

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