Former CJI BR Gavai: पूर्व CJI बी. आर. गवई ने कायम की मिसाल, क्यों होने लगी चर्चा?

Former CJI BR Gavai: पूर्व सीजेआई बी. आर. गवई ने सेवानिवृत्ति के बाद बड़ा फैसला लिया है. पूर्व सीजेआई ने अपने उत्तराधिकारी सूर्यकांत के लिए गाड़ी छोड़ दिया है. समारोह खत्म होने के बाद उन्होंने सरकारी वाहन का उपयोग नहीं किया और निजी वाहन से अपने आवास लौटे.

By Ayush Raj Dwivedi | November 24, 2025 1:42 PM

Former CJI BR Gavai: देश के पूर्व चीफ जस्टिस बी. आर. गवई रविवार को सेवानिवृत्त हो गए. उनकी जगह जस्टिस सूर्यकांत भारत के नए चीफ जस्टिस (CJI) बने. सेवानिवृत्ति के साथ ही जस्टिस गवई ने एक नई मिसाल पेश की है. समारोह के दौरान जस्टिस गवई ने अपनी आधिकारिक गाड़ी से कार्यक्रम स्थल पर प्रवेश किया, लेकिन समारोह खत्म होने के बाद उन्होंने सरकारी वाहन का उपयोग नहीं किया और निजी वाहन से अपने आवास लौटे.

जस्टिस गवई ने कायम की मिसाल

जस्टिस गवई ने अपनी गाड़ी अपने उत्तराधिकारी सीजेआई सूर्यकांत के लिए छोड़ दी. उनके इस कदम की न्यायपालिका और आम जनता द्वारा खूब सराहना की जा रही है. यह एक प्रतीकात्मक कदम है, लेकिन इसके पीछे का संदेश बहुत महत्वपूर्ण है. न्यायपालिका की साख पर उठ रहे सवालों के बीच यह कदम भरोसे को बढ़ाने में मददगार माना जा रहा है.

दलित समुदाय से जुड़े जस्टिस गवई की न्यायिक पहचान

जस्टिस गवई दलित समुदाय से आते हैं और वे चीफ जस्टिस बनने वाले दूसरे दलित न्यायधीश थे. सुप्रीम कोर्ट में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण फैसलों में भाग लिया. शुक्रवार को बतौर जज अंतिम बार सुनवाई करने के दौरान उन्होंने राज्यपालों और राष्ट्रपति के लिए विधेयकों की मंजूरी में समयसीमा पर अहम टिप्पणी की.

नए सीजेआई बने जस्टिस सूर्यकांत

जस्टिस सूर्यकांत ने आज भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ग्रहण कर ली है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. जस्टिस सूर्यकांत सुप्रीम कोर्ट के पूर्व CJI भूषण आर. गवई के उत्तराधिकारी बने हैं. उनका कार्यकाल लगभग 14 महीने का होगा.

शपथ ग्रहण के साथ ही उन्होंने औपचारिक रूप से देश की शीर्ष न्यायपालिका की कमान संभाल ली है. बता दें कि CJI भूषण आर. गवई ने संविधान के अनुच्छेद 124(2) के तहत सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज जस्टिस सूर्यकांत के नाम की सिफारिश की थी, जिसे राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी थी.