Monsoon Tracker: छत्तीसगढ़ में कब से होगी मानसून की बारिश? जानें मौसम विभाग ने क्या दिया अपडेट

chhattisgarh Weather Update/Monsoon Tracker: मौसम विभाग ने जो छत्तीसगढ़ को लेकर जानकारी दी है उसके अनुसार चार जून को छत्तीसगढ़ प्रदेश के एक–दो स्थानों पर गरज चमक के साथ वज्रपात होने की संभावना है. जानें कब से होगी मानूसन की बारिश

By Amitabh Kumar | June 4, 2023 1:10 PM

chhattisgarh Weather Update/Monsoon Tracker: छत्‍तीसगढ़ में भीषण गर्मी से लोग परेशान हैं और उन्हें अब मानसून की बारिश का इंतजार है. मौसम विभाग की मानें तो लोगों का इंतजार जल्द खत्म होने के आसार अभी नहीं दिख रहे हैं. विभाग की मानें तो आने वाले दो दिनों में भी प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में अंधड़ के साथ ही हल्की बारिश गर्मी को थोड़ा कम करने में मदद करेगी. मौसम विज्ञानियों के अनुसार अभी मानसून की रफ्तार काफी धीमी नजर आ रही है. अभी तक मानसून केरल भी नहीं पहुंचा है, ऐसे में छत्‍तीसगढ़ में भी मानसून विलंब हो सकता है. आपको बता दें कि इसके चलते रायपुर में 16 जून को आने वाला मानसून 20 जून तक प्रवेश कर सकता है.

छत्तीसगढ़ का मौसम

मौसम विभाग ने जो छत्तीसगढ़ को लेकर जानकारी दी है उसके अनुसार चार जून को छत्तीसगढ़ प्रदेश के एक–दो स्थानों पर गरज चमक के साथ वज्रपात होने की संभावना है. 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चल सकती है. पांच जून को भी कुछ ऐसा ही मौसम प्रदेश में देखने को मिल सकता है.

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कहां है मानसून

मौसम विभाग के अनुसार, मानसून केरल के तट से सिर्फ 400 किलोमीटर दूर है. इंडिया मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) ने मानसून को लेकर जो जानकारी दी है उसके अनुसार, ये अभी दक्षिणी अरब सागर, मालदीव और कोमोरिन इलाके में है. दूसरी ओर, दक्षिणी बंगाल की खाड़ी और पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी में भी मानसून तेजी से आगे बढ़ता नजर आ रहा है.

Also Read: Monsoon 2023 Tracker: मानसून का इंतजार खत्म! जानें कब से होगी झमाझम बारिश 4 जून को केरल पहुंचने की भविष्यवाणी

आपको बता दें कि मौसम विभाग ने महत्वपूर्ण दक्षिण-पश्चिम मानसून के 4 जून को केरल पहुंचने की भविष्यवाणी की है. मानसून सामान्य रूप से एक जून को केरल में दस्तक दे देता है. मौसम विभाग की मानें तो, दक्षिण-पश्चिम मानसून के अगले 48 घंटों के भीतर दक्षिण अरब सागर, मालदीव, कोमोरिन, बंगाल की दक्षिण खाड़ी, पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी और पूर्वोत्तर बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ने की संभावना नजर आ रही है.

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