वोटिंग के बाद बीजेपी उम्मीदवार की गाड़ी में जा रहा था ईवीएम, वायरल हुआ वीडियो, प्रियंका गांधी ने किया रीट्वीट

ईवीएम को निजी गाड़ी में लेकर जाने के चलते बराक घाटी क्षेत्र में हिंसा भड़क उठी है. भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को हवा में फायरिंग करनी पड़ी. विरोध करने वाली भीड़ में ज्यादातर लोग विपक्षी दल के समर्थक बताए जा रहे हैं. भीड़ ने कार को घेर लिया.

By Prabhat Khabar Print Desk | April 2, 2021 12:47 PM

दिसपुर : असम के करीमगंज में भाजपा उम्मीदवार की गाड़ी से ईवीएम मिलने के मामले में चुनाव आयोग ने चार पोलिंग अफसरों को सस्पेंड कर दिया है. इस मामले में आयोग ने वहां के निर्वाचन अधिकारी से रिपोर्ट भी मांग है. ईवीएम मशीन पाथरकांडी से भाजपा उम्मीदववार कृष्णेंदु पाल की गाड़ी से मिली बताई जा रही है. मीडिया की खबर के अनुसार, ईवीएम लावारिस बोलेरो में पड़ी थी.

उधर, मीडिया की खबरों से जानकारी यह भी मिल रही है कि ईवीएम को निजी गाड़ी में लेकर जाने के चलते बराक घाटी क्षेत्र में हिंसा भड़क उठी है. भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को हवा में फायरिंग करनी पड़ी. विरोध करने वाली भीड़ में ज्यादातर लोग विपक्षी दल के समर्थक बताए जा रहे हैं. भीड़ ने कार को घेर लिया. प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, फिलहाल ईवीएम और चुनाव अधिकारी सुरक्षित हैं.

मीडिया की खबरों के अनुसार, असम में दूसरे चरण के मतदान के बाद गुरुवार की शाम चुनाव अधिकारी भाजपा विधायक कृष्णेंदु पॉल की गाड़ी में ईवीएम ले जा रहे हैं. यह गाड़ी पॉल के परिजन के नाम पर रजिस्टर्ड महिंद्रा बोलेरो में ईवीएम मिली थी. वोटिंग के बाद मशीन को स्ट्रॉन्ग रूम में ले जाया जा रहा था.

इस मामले में चुनाव आयोग ने अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी है. हालांकि, जिला निर्वाचन अधिकारी की तरफ से दाखिल की गई शुरुआती रिपोर्ट में बताया गया है कि पोलिंग पार्टी को इस बात की जानकारी नहीं थी कि वे जिस गाड़ी में सफर कर रहे हैं, वह भाजपा विधायक की थी.

विपक्षी दल कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्विटर पर इससे जुड़े वीडियो को साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘जब भी निजी वाहन में ईवीएम ले जाए जाने के वीडियो सामने आते हैं, तो ये चीजें आम होती हैं कि वाहन सामान्यत: भाजपा उम्मीदवारों या उनके सहयोगियों का होता है. इन वीडियो को इकलौती घटना के तौर पर लिया जाता है और खारिज कर दिया जाता है. भाजपा अपनी मीडिया मशीनरी का इस्तेमाल कर उन लोगों को आरोपी बनाती है जिन्होंने इसका खुलासा किया होता है.

कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘सच्चाई यह है कि इस तरह की कई घटनाओं की सूचना दी जा रही है और उनके बारे में कुछ भी नहीं किया जा रहा है. चुनाव आयोग को इन शिकायतों पर निर्णायक रूप से कार्रवाई करने और सभी राष्ट्रीय दलों द्वारा ईवीएम पर गंभीर पुनर्मूल्यांकन करने की आवश्यकता है.

Also Read: असम के मंत्री दो पत्रकारों को दी गायब करने की धमकी, कांग्रेस ने की उम्मीदवारी रद्द करने की मांग

Posted by : Vishwat Sen

Next Article

Exit mobile version