बिपिन रावत ने 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक करके पाकिस्तान को कर दिया पस्त, म्यांमार में घुसकर आतंकियों को मारा

काउंटर इंसर्जेंसी के माहिर CDS बिपिन रावत ने 2016 में उरी में सेना के कैंप पर हुए हमले के बाद पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक करके जवानों की मौत का बदला लिया था. बिपिन रावत से जुड़े अपडेट्स...

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 8, 2021 7:50 PM

Bipin Rawat Latest News: भारतीय सेना में चार दशक तक कई पदों पर काम कर चुके जनरल बिपिन रावत काउंटर इंसर्जेंसी ऑपरेशन के एक्सपर्ट थे. उनके नेतृत्व में ही पाकिस्तान के आतंकवादी शिविरों को ध्वस्त करने के लिए भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक की थी. जनरल रावत ने पैरा कमांडो के जरिये सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था.

वर्ष 2016 में बिपिन रावत भारतीय सेना के प्रमुख थे. उस वक्त पाकिस्तान परस्त आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के उरी में सेना के कैंप पर आतंकवादी हमला कर दिया था. इससे पूरे देश में गुस्सा उबल पड़ा था. सरकार ने सेना को बदला लेने की खुली छूट दी और जनरल बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) ने सर्जिकल स्ट्राइक की रणनीति बनायी.

भारतीय सेना (Indian Army) के जवानों ने जनरल रावत के दिशा-निर्देश में पाकिस्तान की सीमा में घुसकर कई आतंकवादी कैंपों को ध्वस्त किया और सुरक्षित लौट आये. पाकिस्तान ने हालांकि भारत की ओर से किये गये सर्जिकल स्ट्राइक को नाकाम करने के लिए अपने एफ-16 विमान को भेजा, लेकिन भारतीय वायुसेना के मिराज विमानों की गर्जना से डरकर वापस लौट गया था.

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जनरल रावत ने सेना में सर्विस के दौरान पाकिस्तान और चीन की सीमा के अलावा पूर्वोत्तर में भी लंबे अरसे तक सेवा दी. उनके सर्विस रिकॉर्ड पर नजर डालेंगे, तो बिपिन रावत सबसे पहले कश्मीर घाटी में नेशनल राइफल्स में ब्रिगेडियर बने और उसके बाद उन्होंने मेजर जनरल के तौर पर इंफ्रैंट्री डिवीजन की कमान संभाली.

भारत-चीन की सीमा पर बिपिन रावत ने कर्नल के तौर पर इंफैंट्री बटालियन की कमान संभाली थी. इंडियन मिलिट्री एकेडमी (आईएमए) में Sword of Honor से पुरस्कृत बिपिन रावत दक्षिणी कमांड की कमान संभाल चुके हैं. पाकिस्तान से सटी पश्चिमी सीमा पर मैकेनाइज्ड-वारफेयर के साथ-साथ भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना के बीच उन्होंने बेहतर तालमेल बैठाया था.

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16 मार्च 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी में गढ़वाली राजपूत परिवार में जन्मे बिपिन रावत भारतीय सेना के 27वें सेनाध्यक्ष के साथ-साथ चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी भी रहे. वर्ष 1978 में वह सेना में शामिल हुए. 1 सितंबर 2016 को बिपिन रावत भारतीय सेना के वाइस चीफ बने. 31 दिसंबर 2016 को वह देश के 26वें सेना प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली.

दिसंबर 2019 को बने थे भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ

जनरल रावत को 30 दिसंबर 2019 को भारत का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त किया गया. उन्होंने 1 जनवरी 2020 को सीडीएस का पदभार संभाला. वर्ष 2011 में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से उन्होंने मिलिट्री मीडिया स्टडीज में पीएचडी की डिग्री हासिल की.

म्यांमार में घुसकर एनएससीएन-के आतंकवादियों पर की कार्रवाई

बिपिन रावत ने कांगो में संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन का नेतृत्व किया. उनकी अगुवाई में भारतीय सेना ने कई ऑपरेशन को अंजाम दिया. उन्होंने पूर्वोत्तर में आतंकवाद के सफाये में अहम भूमिका निभायी. मणिपुर में जून 2015 में आतंकवादी हमले में 18 सैनिक शहीद हुए, तो बिपिन रावत ने 21 पैरा कमांडो को सीमा पार जाकर म्यांमार में एनएससीएन-के आतंकवादियों के सफाये के लिए भेजा. कमांडोज ने कई आतंकियों को मार गिराय. बिपिन रावत उस वक्त 21 पैरा थर्ड कॉर्प्स के कमांडर थे.

Posted By: Mithilesh Jha

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