डैंजरस ड्रैगन : सीमा पर मात खाने के बाद भारत पर हमले के लिए खतरनाक कदम उठा रहा चीन, जानिए उसकी स्कीम…

इंटरप्राइज सुरक्षा के लिए दुनिया भर में खुफिया जानकारी देने वाले सबसे बड़े समूह रिकार्डेड फ्यूचर ने गुरुवार चीन की ओर से कराए जा रहे साइबर जासूसी को लेकर खुलासा किया है. इसके लिए उसने एक संदिग्ध चीन सरकार की ओर से समर्थित समूह रेडफॉक्सट्रॉट को जिम्मेदार बताया है.

By Prabhat Khabar Print Desk | June 17, 2021 9:09 PM

नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी समेत भारत की सीमाओं पर मात खाने के बाद भारत में घुसपैठ कर हमले करने के लिए खतरनाक कदम उठा रहा है. खुफिया जानकारी में एक बड़ा खुलासा किया गया है कि ड्रैगन साइबर घुसपैठियों के जरिए भारत पर हमला करने की योजना बना रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में साइबर घुसपैठ कराने के लिए चीन रेडफॉक्सटॉर्ट (RedFoxtrot) की मदद ले रहा है. खुफिया जानकारी में यह भी बताया गया है कि भारत में साइबर घुसपैठ चीनी से पीएलए के संरक्षण में किया जा रहा है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इंटरप्राइज सुरक्षा के लिए दुनिया भर में खुफिया जानकारी देने वाले सबसे बड़े समूह रिकार्डेड फ्यूचर ने गुरुवार चीन की ओर से कराए जा रहे साइबर जासूसी को लेकर खुलासा किया है. इसके लिए उसने एक संदिग्ध चीन सरकार की ओर से समर्थित समूह रेडफॉक्सट्रॉट को जिम्मेदार बताया है. इस समूह का नाम रिकॉर्डेड फ्यूचर के थ्रेट रिसर्च आर्म इंसिक्ट ग्रुप की ओर से रखा गया है. इंसिक्ट ग्रुप ने चीनी सैन्य खुफिया तंत्र और रेडफॉक्सट्रॉट के बीच विशेष संबंध की पहचान की है.

भारत समेत कई एशियाई देश साइबर घुसपैठियों के निशाने पर

रिकॉर्डेड फ्यूचर ने बड़े स्तर पर ऑटोमेटिक नेटवर्क ट्रैफिक एनालिटिक्स और एक्सपर्ट के विश्लेषण ने सीमावर्ती भारत समेत एशियाई देशों में टार्गेट किए गए सेक्टर्स में घुसपैठ करने का पता लगाया है. रेडफॉक्सटॉर्ट की गतिविधि अन्य सिक्योरिटी वेंडर्स जैसे टेंप.ट्राइडेंट (Temp.Trident) और नोमाद पांडा द्वारा ट्रैक किए गए थ्रेट ग्रुप्स से मैच करती है.

2014 से सक्रिय है रेडफॉक्सटॉर्ट

रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन की सरकार समर्थित रेडफॉक्सटॉर्ट वर्ष 2014 से ही सक्रिय है. यह मुख्य रूप से दूसरे देशों के अलावा भारत में एयरोस्पेस और रक्षा, सरकार, दूरसंचार, खनन और अनुसंधान संगठनों को अपना टार्गेट बनाता है. भारत के अलावा जिन दूसरे देशों पर यह नजर रखता है, उनमें अफगानिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान शामिल हैं, जो पीएलए यूनिट 69010 के ऑपरेशन रेमिट के साथ जुड़े हुए हैं.

पीएलए की गतिविधियां संदिग्ध

रिकार्डेड फ्युचर के सीईओ और सह-संस्थापक क्रिस्टोफर अलबर्ग ने कहा कि पीपुल्स लिबरेशन (पीएलए) आर्मी की हालिया गतिविधि काफी हद तक खुफिया समुदाय के लिए एक ब्लैक बॉक्स रही है. विरोधियों को असफल करने और किसी संगठन या सरकार की सुरक्षा स्थिति को सूचित करने के लिए लगातार व्यापक निगरानी और खुफिया जानकारी का संग्रह महत्वपूर्ण है.

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Posted by : Vishwat Sen

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