किसान के बेटे बी सुदर्शन रेड्डी, जो बन सकते हैं देश के अगले उपराष्ट्रपति

Vice President Election: देश में 9 सितंबर, 2025 को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक ने सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी को अपना उम्मीदवार बनाया है. आंध्र प्रदेश के किसान परिवार से निकलकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट तक का सफर तय किया. गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और गोवा के पहले लोकायुक्त रह चुके रेड्डी गरीबों और वंचितों की आवाज उठाने के लिए जाने जाते हैं. अब उनका मुकाबला एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन से होगा.

By KumarVishwat Sen | August 19, 2025 4:47 PM

Vice President Election: जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी को विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक ने 9 सितंबर 2025 को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को आधिकारिक रूप से इसकी घोषणा की है. उन्होंने बताया कि सेवानिवृत्त जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी को विपक्ष की ओर से उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया है. उन्होंने कहा कि रेड्डी हमेशा गरीबों और वंचितों की आवाज बने, संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की और न्याय व्यवस्था को जन-जन तक पहुंचाया. यही कारण है कि सभी विपक्षी दल एकमत होकर उनके नाम पर सहमत हुए हैं.

किसान परिवार से बनने तक का सफर

बी सुदर्शन रेड्डी का जन्म 8 जुलाई 1946 को आंध्र प्रदेश के रंगा रेड्डी जिले के अकुला मायलारम गांव में एक किसान परिवार में हुआ. उनके पिता किसान थे. उनका शुरुआती जीवन बेहद साधारण परिस्थितियों में गुजरा. किसान परिवार से निकले रेड्डी ने शिक्षा और मेहनत के बल पर सुप्रीम कोर्ट तक का सफर तय किया. अब राजनीति में विपक्ष ने उन्हें उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाकर उनकी जीवन यात्रा को नया मुकाम देने की कोशिश की है.

बी सुदर्शन रेड्डी का शुरुआती करियर

बी सुदर्शन रेड्डी ने बीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद एलएलबी की डिग्री हासिल की. कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने सिविल और संवैधानिक मामलों में वकालत की शुरुआत की. करियर के शुरुआती दौर में वे आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता के प्रताप रेड्डी के साथ जुड़े और वहां से न्यायिक क्षेत्र में अपने कदम मजबूत किए.

वकालत से न्यायपालिका तक का सफर

8 अगस्त 1988 को बी सुदर्शन रेड्डी को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में गवर्नमेंट प्लीडर नियुक्त किया गया. इसके बाद उन्होंने केंद्र सरकार के लिए एडिशनल स्टैंडिंग काउंसल के रूप में भी कार्य किया. वर्ष 1993 में वे आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष चुने गए. इस दौरान उन्होंने वकीलों के हितों की रक्षा की और न्यायपालिका में सुधारों के लिए भी सक्रिय भूमिका निभाई. इसके साथ ही, वे उस्मानिया यूनिवर्सिटी के लीगल एडवाइजर भी बने.

हाईकोर्ट जज से सुप्रीम कोर्ट तक

उनकी मेहनत और योग्यता को देखते हुए 2 मई 1995 को बी सुदर्शन रेड्डी को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट का जज नियुक्त किया गया. इसके बाद उनका सफर लगातार आगे बढ़ता गया और 5 दिसंबर 2005 को वे गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने. न्यायपालिका की इस यात्रा का सर्वोच्च पड़ाव तब आया, जब वे भारत के सुप्रीम कोर्ट के जज बने. वे 2011 में सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त हुए. सुप्रीम कोर्ट में रहते हुए उन्होंने कई संवैधानिक और सामाजिक महत्वपूर्ण फैसले दिए.

गोवा के पहले लोकायुक्त बने

सेवानिवृत्ति के बाद भी रेड्डी का सार्वजनिक जीवन जारी रहा. मार्च 2013 में उन्हें गोवा का पहला लोकायुक्त नियुक्त किया गया. हालांकि, निजी कारणों से उन्होंने उसी साल अक्टूबर में इस पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बावजूद उनकी नियुक्ति को एक ऐतिहासिक कदम माना गया.

संवैधानिक मूल्यों के पैरोकार

अपने लंबे करियर के दौरान बी सुदर्शन रेड्डी ने हमेशा गरीबों और वंचित वर्ग की आवाज उठाई. संवैधानिक अधिकारों की रक्षा और न्याय व्यवस्था को आम नागरिक तक पहुंचाना उनका प्रमुख लक्ष्य रहा. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी उनके नाम का ऐलान करते हुए कहा कि यह केवल एक चुनाव नहीं, बल्कि एक वैचारिक लड़ाई है.

एनडीए का उम्मीदवार और चुनावी मुकाबला

उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर अब मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया है. एनडीए ने तमिलनाडु से आने वाले सीपी राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार बनाया है. दोनों ही उम्मीदवार अलग पृष्ठभूमि से आते हैं और राजनीतिक समीकरणों को देखते हुए मुकाबला कड़ा रहने वाला है.

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उपराष्ट्रपति चुनाव का कार्यक्रम

चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति पद के चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है. नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 21 अगस्त 2025 है. वहीं, नामांकन वापस लेने की तारीख 25 अगस्त, 2025 है. 9 सितंबर, 2025 को वोटिंग और काउंटिंग होगी और इसी दिन तय हो जाएगा कि देश का नया उपराष्ट्रपति कौन होगा.

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