Ayodhya Ram Mandir: सोने से जगमगाया अयोध्या का राम मंदिर, टॉप पर लगा गोल्डन गुंबद
Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में भगवान श्रीरामलला के भव्य मंदिर के शिखरों पर सोने की परत चढ़ाने का काम पूरा हो गया है. 3 जून को मंदिर में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले राम मंदिर के शीर्ष पर सोने का पानी चढ़ा 'शिखर' सोमवार को स्थापित कर दिया गया.
Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में राम दरबार समेत 8 मंदिरों के प्राण प्रतिष्ठा से पहले राम मंदिर सोने से जगमगा उठा है. मंदिर के गुंबद पर सोने की पानी चढ़ाने का काम सोमवार को पूरा हो गया. यह काम विशेषज्ञों की देखरेख पूरा किया गया. सोने की परत चढ़ाए जाने से मंदिर की खूबसूरती बढ़ गई है. दूर से ही मंदिर चमकता दिख रहा है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से बताया गया था कि 14 अप्रैल 2025 को श्री रामजन्मभूमि मंदिर, अयोध्या के गर्भगृह के मुख्य शिखर पर कलश की स्थापना विधिवत रूप से संपन्न की गई थी. उसके बाद उसपर सोने की परत चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी.
#WATCH | Ayodhya | Gold-plated 'Shikhara' installed on top of Ram Temple ahead of the 3rd June Pran Pratishtha ceremony of Ram Darbar at the temple pic.twitter.com/bPtkTbbBwU
— ANI (@ANI) June 2, 2025
3 जून से पांच जून तक प्राण प्रतिष्ठा समारोह
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर तीन जून से पांच जून तक तीन दिवसीय उत्सव मनाया जाएगा. अनुष्ठान तीन और चार जून को सुबह साढ़े छह बजे शुरू होंगे और शाम साढ़े छह बजे तक जारी रहेंगे, जबकि समापन के दिन पांच जून को कार्यक्रम दोपहर एक बजे तक समाप्त हो जाएंगे. अनुष्ठान 30 मई को ही शुरू हो गया था. इसकी शुरुआत परिसर में स्थित मंदिर में शिव लिंग की स्थापना से की गई. काशी और अयोध्या के कुल 101 वैदिक विद्वान अनुष्ठानों की देखरेख करेंगे, जिसमें ‘यज्ञशाला’ की पूजा, वाल्मीकि रामायण का पाठ, मंत्रोच्चार, चारों वेदों का पाठ और अन्य पारंपरिक समारोह शामिल होंगे. देवताओं के लिए दो-दो फुट ऊंचे संगमरमर के सिंहासन विशेष रूप से तैयार किए गए हैं. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अधिकारियों ने बताया कि प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के दौरान मूर्तियों को इन सिंहासनों पर रखा जाएगा. जिन मंदिरों की प्राण-प्रतिष्ठा की जानी है उनमें मुख्य परिसर में स्थित छह मंदिर शामिल हैं. ये मंदिर भगवान शिव, सूर्य देव, गणपति, हनुमान, देवी भगवती और देवी अन्नपूर्णा को समर्पित हैं.
सप्त मंडपम क्षेत्र में स्थित सात मंदिरों की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी
इसके अलावा सप्त मंडपम क्षेत्र में स्थित सात मंदिरों की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी, जिनमें ऋषि वशिष्ठ, वाल्मीकि, अगस्त्य, विश्वामित्र, अहिल्या, शबरी और निषादराज जैसे देवता और पूजनीय आकृतियां प्रतिष्ठित होंगी. शेषावतार मंदिर में लक्ष्मणजी की मूर्ति की भी प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी. राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में आयोजित किया गया था.
मंदिर परिसर में शेष निर्माण कार्य सितंबर या अक्टूबर तक पूरा होने की संभावना
राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया, राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष के अनुसार मंदिर परिसर में शेष निर्माण कार्य सितंबर या अक्टूबर तक पूरा होने की संभावना है. परिसर के भीतर सप्त मंदिर पहले ही बनकर तैयार हो चुका है और वहां ऋषियों की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी. मिश्रा ने कहा था,‘‘राम मंदिर निर्माण का यह चरण आस्था और भव्यता का प्रतीक बन रहा है. साथ ही राष्ट्रीय गौरव और सांस्कृतिक पुनर्जागरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम भी है.’’
