Assam-Meghalaya: असम सरकार ने मेघालय के लिए यात्रा प्रतिबंध हटाया, हिंसा में गयी थी 6 की जान

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि असम से वाहनों को अब मेघालय में प्रवेश की अनुमति होगी. कछार के पुलिस अधीक्षक नोमल महता ने कहा, जहां भी आवश्यक है, वहां वाहनों को सुरक्षा घेरे में ले जाया जा रहा है. अन्य संवेदनशील इलाकों में पुलिस गश्त की व्यवस्था की गई है.

By ArbindKumar Mishra | November 28, 2022 6:38 AM

असम ने अंतरराज्यीय सीमा पर एक विवादित क्षेत्र में हुई हिंसा के बाद मेघालय के लिए लगाए गए यात्रा प्रतिबंध को छह दिन के बाद रविवार को हटा लिया.

वाहनों को मेघालय में प्रवेश की अनुमति

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि असम से वाहनों को अब मेघालय में प्रवेश की अनुमति होगी. कछार के पुलिस अधीक्षक नोमल महता ने कहा, जहां भी आवश्यक है, वहां वाहनों को सुरक्षा घेरे में ले जाया जा रहा है. अन्य संवेदनशील इलाकों में पुलिस गश्त की व्यवस्था की गई है.

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असम-मेघालय सीमा पर तनाव की स्थिति में सुधार

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि रविवार से वाहनों की आवाजाही की अनुमति दी गई है क्योंकि सीमा पर तनाव की स्थिति में सुधार हुआ है. कुछ दिनों पहले असम पुलिस ने एक परामर्श जारी कर लोगों से पड़ोसी राज्य की यात्रा करने से बचने को कहा था.

असम-मेघालय सीमा पर हटाये गये अवरोधक

अधिकारियों ने कहा कि गुवाहाटी और कछार जिले के पास जोरबाट में अवरोधक लगाए गए थे, जिन्हें प्रतिबंध हटाने जाने के बाद अब हटा दिया गया है. हालांकि, ट्रक, सामान और अन्य सामान ले जाने वाले वाणिज्यिक वाहनों पर पहले भी कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया था.

मृत वन रक्षक के परिवार को 14 लाख रुपये व सरकारी नौकरी का ऐलान

असम-मेघालय सीमा पर हुई हिंसा में जान गंवाने वाले वन रक्षक बिदयासिंग लेखते के परिवार को 14 लाख रुपये का मुआवाजा और उनकी सेवानिवृत्ति की उम्र तक के वेतन के साथ-साथ उनकी पत्नी को सरकारी नौकरी मिलेगी. सीमा पर हुई हिंसा के तत्काल बाद असम सरकार ने जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया था.

क्या है मामला

गौरतलब है कि वेस्ट कार्बी आंगलोंग जिले में असम-मेघालय सीमा पर अवैध लकड़ी ले जा रहे एक ट्रक को गत मंगलवार की तड़के पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद हिंसा भड़क गई थी जिसमें छह लोगों की मौत हो गई थी.

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