हिन्दुओं को राज्य सरकार मुहैया कराएगी हथियार, आत्मरक्षा के लिए मिलेगा लाइसेंस

CM Himanta Biswa Sarma: असम के CM हिमंत बिस्वा सरमा ने घोषणा की कि सीमावर्ती इलाकों में रह रहे अल्पसंख्यक हिंदू परिवार, खतरे की स्थिति में, कानूनी प्रक्रिया पूरी कर हथियार का लाइसेंस ले सकते हैं. मई 2025 से लागू नीति पर विपक्ष ने आपत्ति, जबकि BJP ने समर्थन किया.

By Shashank Baranwal | August 11, 2025 10:17 AM

CM Himanta Biswa Sarma: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को सनातन धर्म से जुड़ा ऐसा बयान दिया, जिसने प्रदेश की राजनीति में नई हलचल मचा दी. सरमा ने कहा कि राज्य के कुछ इलाकों में ऐसे गांव हैं, जहां 30,000 की आबादी में महज 100 लोग ही सनातन धर्म के हैं. अगर ऐसे परिवार आवेदन करें, तो कानून के तहत उन्हें हथियार रखने का लाइसेंस मिल सकता है.

वैध लाइसेंस लेने में मदद करेगी सरकार

सीएम हिमंत बिस्वा सरमा का कहना है कि सनातन धर्म की रक्षा करना हमारा दायित्व है. उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि कोई हिंदू परिवार कठिन परिस्थितियों में रह रहा है और वैध तरीके से हथियार का लाइसेंस चाहता है, तो सरकार उसकी पूरी मदद करेगी. यह बयान ऐसे समय में आया है जब असम में जनसंख्या असंतुलन और धार्मिक असमानता पर राजनीतिक बहस तेज है.

आत्मरक्षा का अधिकार दिलाने का मकसद

सीएम हिमंत के मुताबिक, यह कदम किसी को डराने के लिए नहीं उठाया गया है, बल्कि लोगों को आत्मरक्षा का अधिकार दिलाने के उद्देश्य से है. उन्होंने कहा कि जो लोग खतरे में हैं, वे कानूनी प्रक्रिया पूरी करके हथियार का लाइसेंस ले सकते हैं.

ऑनलाइन पोर्टल के तहत होगा आवेदन

गौरतलब है कि इस नीति को मई 2025 से लागू किया गया है, जिसका मकसद सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले स्वदेशी हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. खासकर उस इलाके में जहां बांग्लादेशी मूल के मुस्लिम बहुसंख्यक हैं. लाइसेंस के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया गया है और आवेदन की जांच के बाद ही अनुमति दी जाएगी. इस फैसले पर कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा है, जबकि बीजेपी समर्थकों का कहना है कि यह कदम अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा के लिए जरूरी है.