असम में हिमंता विस्व सरमा सरकार की पहली वर्षगांठ पर अमित शाह का ऐलान, पूरे राज्य से जल्द हटेगा ‘अफस्पा’

गृह मंत्री अमित शाह ने ये भी कहा कि, असम में AFSPA के तहत आने वाले क्षेत्रों को कम कर दिया गया है. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि राज्य के सभी क्षेत्रों से AFSPA हटा दिया जाए. शाह ने कहा कि 1990 के दशक में असम में अफस्पा लागू किया गया था. तब से लेकर इसे 7 बार बढ़ाया गया.

By Prabhat Khabar Print Desk | May 10, 2022 3:23 PM

असम में हिमंता बिस्व सरमा के नेतृत्व में बीजेपी सरकार ने 10 मई को एक साल पूरे कर लिए. इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह असम पहुंचे हैं. अपने दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन अमित शाह ने असम पुलिस की जमकर सराहना की. उन्होंने असम पुलिस को राष्ट्रपति कलर अवार्ड से भी सम्मानित किया. इस मौके पर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा भी मौजूद थे. इस दौरान अमित शाह ने ऐलान करते हुआ कहा कि सुनिश्चित करेंगे की पर्वोत्तर से जल्द अफस्पा हटे.

असम पुलिस को शाह ने दी बधाई
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने असम पुलिस को राष्ट्रपति कलर अवार्ड के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा कि आज राष्ट्रपति का चिन्ह असम पुलिस को मिला है. उन्होंने ये भी कही कि आज से देश की दसवीं पुलिस फोर्स असम पुलिस बनी है. गुवाहाटी में अमित शाह ने कहा कि, असम पुलिस संवैधानिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए उग्रवाद की समस्या के खिलाफ खड़ी थी. उन्होंने बंदूकों के साथ बंदूकों का सामना किया और विचलित युवाओं को मुख्यधारा में लाया.

सभी क्षेत्रों से हटे AFSPA

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ये भी कहा कि, असम में AFSPA के तहत आने वाले क्षेत्रों को कम कर दिया गया है. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि राज्य के सभी क्षेत्रों से AFSPA हटा दिया जाए. शाह ने कहा कि 1990 के दशक में असम में अफस्पा लागू किया गया था. तब से लेकर इसे 7 बार बढ़ाया गया. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के 8 साल के शासन में राज्य के 13 जिलों इसे इसे हटाया गया. यानी असम के 60 फीसदी से अधिक क्षेत्र से हटा दिया गया है.

अमित शाह ने ये भी कहा कि, आजादी के समय असम में पुलिस बल की संख्या 8 हजार के करीब थी. लेकिन आज असम में पुलिस बल की संख्या 70 हजार से भी ऊपर है. राष्ट्रीय एकता की कई महत्वपूर्ण लड़ाई असम पुलिस ने बेहतर ढंग से लड़ी है. शाह ने ये भी कहा कि, असम पुलिस ने बंदूकों का सामना किया, और भटके युवाओं को मुख्यधारा में लाई. यहीं नहीं अब समूहों के साथ एक के बाद एक शांति समझौते हो रहे हैं.

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