बांग्लादेश से अल-कायदा के सहयोगी असम में फैला रहे कट्टरता, डीजीपी ने कहा- सफल नहीं होने देंगे साजिश

असम के डीजीपी ने कहा कि हम राज्य में कट्टरवाद विरोधी उपायों को लागू कर रहे हैं. उन्होंने इस मामले में विभिन्न मुस्लिम समूहों के साथ बातचीत भी करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि असम में कई मदरसे खुल रहे हैं ऐसे में इसका कुछ लोग फायदा भी उठा रहे हैं.

By Prabhat Khabar Print Desk | August 25, 2022 5:31 PM

बीते दिन असम में अल-कायदा भारतीय उपमहाद्वीप और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम आतंकवादी संगठन के दो संदिग्ध दहशतगर्दों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले में प्रदेश के डीजीपी ने कहा है कि पूरी साजिश असम के बाहर रची जा रही है. मुख्य रूप से बांग्लादेश से, अल-कायदा के कुछ सहयोगी यहां लोगों को प्रभावित कर रहे हैं और कट्टरता फैला रहे हैं. डीजीपी ने कहा कि हम अब तक 34 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर चुके हैं. उनकी साजिशों को सफल नहीं होने देंगे.

असम के डीजीपी ने कहा कि हम राज्य में कट्टरवाद विरोधी उपायों को लागू कर रहे हैं. उन्होंने इस मामले में विभिन्न मुस्लिम समूहों के साथ बातचीत भी करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि असम में कई मदरसे खुल रहे हैं ऐसे में इसका कुछ लोग फायदा भी उठा रहे हैं. गौरतलब है कि इसी हफ्ते असम पुलिस ने गोलपारा से दो संदिग्ध दहशतगर्दों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से पुलिस को कई संदिग्ध सामान बरामद हुए थे.

इमाम के रूप में हुई थी पहचान: मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों की जांच की तो इनकी पहचान तिनकुनिया शांतिपुर मस्जिद के इमाम अब्दुस सुभान और गोलपारा के तिलपारा नतुन मस्जिद के इमाम जलालुद्दीन शेख के रूप में हुई है.

गौरतलब है कि असम में बांग्लादेशियों की घुसपैठ भी हो रही है. असम की एक अदालत ने भारत में पिछले साल अवैध तरीके से दाखिल होने के आरोप में दो बांग्लादेशियों को पांच-पांच साल कैद की सजा सुनाई है. ये भी खबर है कि 15 आतंकी बांग्लादेश से त्रिपुरा और मेघालय की सीमा पार कर हाल ही में भारत में दाखिल हुए हैं.

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