Children’s Day 2020: पंडित नेहरू, डॉ कलाम के बाद क्या कोई बन पाया बच्चों का चाचा…

Children's Day 2020: शनिवार (14 नवंबर) को दीपावली भी है और भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्मदिन भी. पंडित नेहरू बच्चों में चाचा नेहरू के रूप में लोकप्रिय हुए. बच्चों से उनके खास लगाव की वजह से उन्हें चाचा की उपाधि मिली थी. नेहरू के बाद यदि बच्चों को सबसे ज्यादा किसी लीडर ने प्रभावित किया, तो वो थे भारत के पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइलमैन के नाम से मशहूर डॉ अबुल पाकिर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम (Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam) आजाद.

By Prabhat Khabar Print Desk | November 13, 2020 6:19 PM

Children’s Day 2020: शनिवार (14 नवंबर) को दीपावली भी है और भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्मदिन भी. पंडित नेहरू बच्चों में चाचा नेहरू के रूप में लोकप्रिय हुए. बच्चों से उनके खास लगाव की वजह से उन्हें चाचा की उपाधि मिली थी. नेहरू के बाद यदि बच्चों को सबसे ज्यादा किसी लीडर ने प्रभावित किया, तो वो थे भारत के पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइलमैन के नाम से मशहूर डॉ अबुल पाकिर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम (Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam) आजाद.

कुछ वर्ष पहले एक सर्वेक्षण या यूं कहें कि रायशुमारी करवायी गयी थी, जिसमें बच्चों ने कहा था कि चाचा नेहरू के बाद उन्हें डॉ कलाम सबसे ज्यादा पसंद हैं. डॉ कलाम को भी बच्चे बहुत प्रिय थे. जब भी मौका मिलता था, वे बच्चों से बात जरूर करते थे. उनके सवाल सुनते थे, उन सवालों के जवाब भी देते थे. पेशे से शिक्षक डॉ कलाम को बच्चे ‘कलाम सर’ बुलाते थे.

बिहार से लेकर झारखंड, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र एवं गुजरात समेत तमाम राज्यों के बच्चों से पूछा गया कि वे पंडित नेहरू को चाचा कहकर बुलाते हैं, डॉ कलाम को क्या बुलाना पसंद करेंगे? इस पर बच्चों ने कहा कि वे अपने राष्ट्रपति और देश को मिसाइल पावर बनाने वाले डॉ कलाम को ‘अंकल’ या ‘कलाम सर’ कहना ही पसंद करेंगे.

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कुछ बच्चों ने एपीजे अब्दुल कलाम को ग्रेट कलाम कहा, तो कुछ बच्चों ने उन्हें राष्ट्रपुरुष की संज्ञा दी. अटल बिहारी वाजपेयी भी बच्चों को प्रिय लगे. नेहरू और कलाम के बाद बच्चों को इनके जैसा ‘चाचा’ तो नहीं मिल पाया, लेकिन इनके गुण भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में भी हैं. पंडित जवाहर लाल नेहरू की तरह नरेंद्र मोदी भी बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित रहते हैं, उनकी उच्च शिक्षा के बारे में निरंतर सोचते रहते हैं.

प्रधानमंत्री मोदी की सरकार की योजनाएं देश के भविष्य से जुड़ी होती हैं. बच्चों से संवाद करने का कोई भी अवसर वह छोड़ना नहीं चाहते. जब वह बच्चों के बीच होते हैं, तो उन्हें खुलकर अपने देश के प्रधानमंत्री से सवाल पूछने की इजाजत देते हैं. उनके जवाब भी देते हैं. उनकी दुविधाएं दूर करते नजर आते हैं और जीवन में प्रगति के पथ पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी करते हैं.

डॉ कलाम की तरह नरेंद्र मोदी अपने देश को सुपर पावर बनाना चाहते हैं. डॉ कलाम ने परमाणु विस्फोट से और मिसाइल की शृंखला तैयार करके भारत को आंख दिखाने वाले दुश्मन देशों को जिस तरह से सख्त संदेश दिया था. उसी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी सेना को मजबूत बनाकर, गांवों को समृद्ध बनाकर आत्मनिर्भर भारत गढ़ने का सपना देख रहे हैं. इस दिशा में वह काम भी कर रहे हैं.

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यही वजह है कि बच्चों के बीच नरेंद्र मोदी काफी लोकप्रिय हैं. प्रधानमंत्री और वर्ल्ड लीडर के रूप में नरेंद्र मोदी को बच्चों से लेकर युवा तक काफी पसंद करते हैं, लेकिन पीएम मोदी अभी तक पंडित नेहरू या डॉ कलाम की तरह बच्चों के ‘चाचा’ या ‘सर’ नहीं बन पाये हैं. हालांकि, इस विषय पर अब तक कोई रायशुमारी भी नहीं की गयी है.

Posted By : Mithilesh Jha

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