Actor Vijay Rally Stampede : मेरा 18 महीने का पोता वहीं मर गया, भगदड़ में मारे गए विष्णु की दादी ने रोते हुए कहा

Actor Vijay Rally Stampede : एक्टर से नेता बने विजय की राजनीतिक रैली में भगदड़ के दौरान 40 लोगों की मौत हुई. इनमें सबसे छोटा पीड़ित 18 महीने का विष्णु था, जिसकी भगदड़ की वजह से जान चली गई. इस हादसे ने सभी को गहरा आघात और दुख पहुंचाया. उसके परिवार वालों का रो–रोकर बुरा हाल है.

By Amitabh Kumar | September 29, 2025 7:06 AM

Actor Vijay Rally Stampede : रविवार को 18 महीने के हरि विष्णु की मौत से उसका परिवार गम में डूब गया. पिता आंसू रोकने की कोशिश कर रहे थे. वहीं उसकी मां सुन और बोल नहीं सकतीं हैं, वह जमीन के फर्श पर स्तब्ध पड़ी रहीं. मां को समझ नहीं आ रहा है कि क्या हो गया. विष्णु को उसकी मौसी उसे रैली में लेकर गई थीं, जहां मुख्य सड़क पर विशाल भीड़ इकट्ठा हुई थी. यह रैली करुर के वेलुसामी नगर में हुई और विष्णु की मौसी भी वहीं रहती हैं. इस दर्दनाक हादसे ने परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया.

विष्णु की दादी जयश्री ने बताया कि रैली में गए सभी परिजन सरकारी अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि उनका पोता वहीं मर गया. उन्होंने कहा, “मेरे बेटे विमल ने टीवी पर जब बेटे को देखा, तभी उसे पता चला कि वह मर चुका है.” जब दादी यह कह रही थी तो उसके आंसू नहीं थम रहे थे.

भगदड़ में किसी की मां मरी तो किसी का बच्चा

रविवार को जमीन पर बिखरी सैकड़ों चप्पलें और पार्टी झंडे एक दिन पहले हुई भयावह भगदड़ की गवाही दे रहे थे. इस हादसे में 40 लोगों की मौत हुई, जिनमें 17 महिलाएं और 9 बच्चे शामिल थे. मृतकों में अक्टूबर में शादी करने वाला एक जोड़ा, दो साल की बच्ची की मां, परिवार के अकेले कमाने वाले सदस्य और छोटे बच्चे भी थे. इन्हीं मासूमों में 18 महीने का विष्णु भी था, जिसकी मौत ने सबको गहरे सदमे में डाल दिया.

 रैली स्थल पर देर से पहुंचे थे एक्टर विजय

एक्टर विजय अपनी पिछली रैली से नमक्कल जिले से शनिवार को शाम 7.30 बजे रैली स्थल पर पहुंचे. वह सात घंटे लेट थे. उनके आने तक रैली स्थल पर 25,000 से अधिक लोग जमा हो चुके थे. स्थिति और खराब तब हुई जब उनकी पार्टी तमिझगा वेत्रि कजगम (टीवीके) की ओर से आयोजन ठीक से नहीं किया गया और पुलिस की पर्याप्त सुरक्षा भी मौजूद नहीं थी. इस वजह से भगदड़ और जान-माल के नुकसान की संभावना बढ़ गई थी.

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अधिकारियों ने बताया कि भगदड़ के कारणों में सुरक्षा कर्मचारियों की कमी और क्राउन मैनेजमेंट में कमी थी.  कई मृतक मजदूर और कम आय वाले वर्ग के लोग थे, जिनकी रोजमर्रा की जीविका पर यह हादसा भारी पड़ गया.