नीति आयोग ने 2024 से लोकसभा और विधानसभा चुनाव एकसाथ करवाने का सुझाव दिया

नयी दिल्ली : नीति आयोग ने वर्ष 2024 से लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एकसाथ करवाने का सुझाव दिया है ताकि ‘प्रचार मोड’ के कारण शासन व्यवस्था में पड़ने वाले व्यवधान को कम से कम किया जा सके. इस संबंध में विस्तृत जानकारी का उल्लेख करते हुए नीति आधारित इस थिंक टैंक ने कहा कि […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 30, 2017 12:05 PM

नयी दिल्ली : नीति आयोग ने वर्ष 2024 से लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एकसाथ करवाने का सुझाव दिया है ताकि ‘प्रचार मोड’ के कारण शासन व्यवस्था में पड़ने वाले व्यवधान को कम से कम किया जा सके.

इस संबंध में विस्तृत जानकारी का उल्लेख करते हुए नीति आधारित इस थिंक टैंक ने कहा कि इस प्रस्ताव को लागू करने से ‘‘अधिकतम एक बार कुछ विधानसभाओं के कार्यकाल में कुछ कटौती या विस्तार’ करना पड़ सकता है.

आयोग ने नोडल एजेंसी यानी चुनाव आयोग को इस पर गौर करने को कहा और एकमुश्त चुनावों का रोडमैप तैयार करने के लिए संबंधित पक्षकारों का एक कार्यसमूह गठित करने का सुझाव दिया. इस संबंध में छह माह के भीतर रिपोर्ट को अंतिम रुप दिया जाना है और इसका अंतिम खाका अगले मार्च तक तैयार होगा.
इस मसौदा रिपोर्ट को 23 अप्रैल को नीति आयोग के गवर्निंग काउंसिल के सदस्यों के बीच प्रसारित किया गय था. इन सदस्यों में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और अन्य लोग शामिल हैं. यह सिफारिश इस लिहाज से अहम है कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एकसाथ करवाने की वकालत कर चुके हैं.
नीति आयोग की मसौदा रिपोर्ट कहती है, ‘‘भारत में सभी चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष और समकालिक तरीके से होने चाहिए ताकि शासन व्यवस्था में ‘प्रचार मोड’ के कारण होने वाला व्यवधान कम से कम किया जा सके. हम वर्ष 2024 के चुनाव से इस दिशा में काम शुरू कर सकते हैं.’ इस साल गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर मुखर्जी ने अपने भाषण में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव को एकसाथ करवाने की वकालत की थी.
प्रधानमंत्री मोदी ने फरवरी में एकमुश्त चुनाव करवाने की वकालत करते हुए कहा था, ‘‘एकसाथ चुनाव से सभी को कुछ नुकसान होगा. हमें भी नुकसान होगा.’ उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपील की थी कि वे इस विचार को राजनीति के संकीर्ण चश्मे से न देखें. उन्होंने कहा था, ‘‘ एक पार्टी या सरकार इसे नहीं कर सकती. हमें मिलकर एक रास्ता तलाशना होगा.’

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