MCD Elections 2017: मिनी इंडिया के नतीजों से आज तय होगी भाजपा के भविष्य की राजनीति!

नयी दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली यानी मिनी इंडिया में आज एमसीडी चुनाव के नतीजे घोषित किये जायेंगे और इसी के साथ ही केंद्र में सत्तासीन भाजपा और उसके घटक दलों के भविष्य की राजनीति की दशा-दिशा का भी अनुमान लग जायेगा. राजनीतिक विश्लेषकों ओर से इसका सबसे बड़ा कारण यह बताया जाता रहा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 26, 2017 8:08 AM

नयी दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली यानी मिनी इंडिया में आज एमसीडी चुनाव के नतीजे घोषित किये जायेंगे और इसी के साथ ही केंद्र में सत्तासीन भाजपा और उसके घटक दलों के भविष्य की राजनीति की दशा-दिशा का भी अनुमान लग जायेगा. राजनीतिक विश्लेषकों ओर से इसका सबसे बड़ा कारण यह बताया जाता रहा है कि दिल्ली देश की राजधानी है और यहां करीब-करीब हर राज्य के निवासी रहते हैं. इसलिए यहां होने वाले विधानसभा और नगर निगम चुनाव के नतीजों से देश की राजनीति का अनुमान लगा लिया जाता है.

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दरअसल, इस बार एमसीडी (दिल्ली नगर निगम) चुनाव में भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में मुख्य मुकाबला है. दिल्ली विधानसभा चुनाव में करारी हार झेलने के बाद नगर निगम के चुनाव में भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है. इसका सबसे बड़ा कारण ही यही है कि इसी चुनाव के नतीजों पर उसके भविष्य की राजनीति टिकी है. इसीलिए इस चुनाव को वह अपने सम्मान से जोड़ कर देख रही है. वहीं, लगातार 15 साल तक दिल्ली में शासन कर चुकी कांग्रेस इस बार एमसीडी चुनाव के जरिये अपनी स्थिति सुधारने के प्रयास में जुटी है. अब देखना यह है कि नतीजे किसी राजनीतिक दल के भविष्य को सुरक्षित करते हैं और किसे भविष्य का विपक्ष बनाते हैं.

राजनीति विश्लेषकों की मानें, तो देश में इस समय मोदी की लहर कायम है. भाजपा नगर निगम में दो बार से सत्तासीन है. अगर इस चुनाव में आम आदमी पार्टी के बजाय मोदी फैक्टर काम कर जाता है, तो तीनों एमसीडी में भाजपा तीसरी बार अपना परचम लहरायेगी, लेकिन तीसरी बार एमसीडी की सत्ता में वापस आना ही भाजपा की अहम चुनौती है. वहीं, भाजपा ने एमसीडी चुनाव जीतने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है. गृहमंत्री राजनाथ सिंह से लेकर स्मृति ईरानी तक के कई केंद्रीय मंत्री भाजपा के स्टार प्रचारक के तौर पर यहां के मतदाताओं से वोट देने की सिफारिश कर चुके हैं.

बता दें कि दिल्ली में एमसीडी की 272 सीटें हैं. दो सीटों पर प्रत्याशियों के निधन के कारण चुनाव स्थगित हो गया था. इस बार चुनाव में कुल 2537 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इनमें सबसे ज्यादा 1004 उम्मीदवार उत्तरी दिल्ली नगर निगम, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में 985 और पूर्वी दिल्ली नगर निगम में 548 उम्मीदवार हैं. एमसीडी की 272 सीटों में से उत्तर और दक्षिण दिल्ली नगर निगम में 104-104 सीटें हैं, जबकि पूर्वी दिल्ली नगर निगम में 64 सीटें हैं.

एमसीडी का 2012 में बंटवारा करके एनडीएमसी, एसडीएमसी और ईडीएमसी का गठन किया गया था. साल 2012 के चुनावों में मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच था. चुनावों में भाजपा को भारी बहुमत मिला। 272 सीटों में से भाजपा को 142 सीटें, कांग्रेस को 74, बसपा ने 15 सीटें और अन्य ने 41 सीटें जीती थी.

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