अयोध्या मामला : सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भाजपा ने साधी चुप्पी कहा, अध्ययन के बाद प्रतिक्रिया

नयी दिल्ली : भाजपा ने आज कहा कि पार्टी विवादास्पद बाबरी मस्जिद मामले में अपने कुछ शीर्ष नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश का मामला चलाये जाने के उच्चतम न्यायालय के फैसले के ब्यौरे का अध्ययन कर रही है.... आडवाणी को बड़ा झटका, जोशी, उमा समेत 13 नेताओं पर चलेगा आपराधिक मुकदमा, सुप्रीम कोर्ट ने दिया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 19, 2017 3:40 PM

नयी दिल्ली : भाजपा ने आज कहा कि पार्टी विवादास्पद बाबरी मस्जिद मामले में अपने कुछ शीर्ष नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश का मामला चलाये जाने के उच्चतम न्यायालय के फैसले के ब्यौरे का अध्ययन कर रही है.

आडवाणी को बड़ा झटका, जोशी, उमा समेत 13 नेताओं पर चलेगा आपराधिक मुकदमा, सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश

वरिष्ठ नेता एवं विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जोर दिया कि पार्टी लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती जैसे वरिष्ठ नेताओं का सम्मान करती है. इस बारे में हम अदालत के फैसले के ब्यौरे का अध्ययन करेंगे. उच्चतम न्यायालय ने भाजपा के शीर्ष नेताओं लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती आदि के खिलाफ लगे आपराधिक साजिश के आरोपों को बहाल करने की सीबीआई की याचिका को आज स्वीकार कर लिया है जिससे वर्ष 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में इन्हें अदालती कार्यवाही का सामना करना पडेगा.

अयोध्या मुद्दा : दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए : कांग्रेस

न्यायालय ने नेताओं और ‘कारसेवकों’ के खिलाफ लंबित मामलों को भी इस मामले में शामिल कर दिया और कहा कि कार्यवाही दो साल में पूरी हो जानी चाहिए. भाजपा प्रवक्ता विजय सोनकर शास्त्री ने कहा कि शीर्ष अदालत ने कुछ फैसला सुनाया है और पार्टी इसका अध्ययन करेगी. यह पूछे जाने पर कि अदालत के फैसले से भाजपा को झटका लगा है, उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि इससे कोई झटका लगा है. मुझे नहीं लगता कि इसमें कोई साजिश हुई है.

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पार्टी फैसले का अध्ययन करेगी, तकनीकी पहलुओं पर विचार करेगी और फिर हम इस बारे में कुछ कह सकते हैं. इस मामले में नैतिकता के आधार पर उमा भारती एवं अन्य भाजपा नेताओं के पद छोडने की विपक्ष की मांग के बारे में पूछे जाने पर एक अन्य प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि यह कोई नया मामला नहीं है. मामला अदालत में है. अब किसी के उपर आरोप लगने से कोई दोषी नहीं हो जाता है. कानूनी पक्ष यही है.