CBSE की किताब में बच्चों को बताया जा रहा है 36-24-36 फिगर वाली महिलाएं होती हैं बेस्ट

नयी दिल्ली : एक बार फिर यह सवाल लाजिमी है कि आखिर महिलाओं के साथ यह तमगा क्यों जुड़ा होता है कि फलां महिला सुंदर है और फलां महिला बदसूरत? यह सवाल इसलिए क्योंकि सीबीएसई की बारहवीं कक्षा के फिजिकल एजुकेशन की किताब में यह पढ़ाया जा रहा है कि जिन लड़कियों का फिगर 36-24-36 […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 13, 2017 11:56 AM

नयी दिल्ली : एक बार फिर यह सवाल लाजिमी है कि आखिर महिलाओं के साथ यह तमगा क्यों जुड़ा होता है कि फलां महिला सुंदर है और फलां महिला बदसूरत? यह सवाल इसलिए क्योंकि सीबीएसई की बारहवीं कक्षा के फिजिकल एजुकेशन की किताब में यह पढ़ाया जा रहा है कि जिन लड़कियों का फिगर 36-24-36 का होता है वो सबसे अच्छी होती हैं. किताब में यह भी बताया गया है कि यही कारण है कि मिस यूनिवर्स और मिस वर्ल्ड जैसी प्रतियोगिताओं में बॉडी फिगर पर बहुत ध्यान दिया जाता है. किताब में यह भी बताया गया है कि इस तरह का फिगर पाना बहुत कठिन है और इसके लिए विशेष तरह के एक्सरसाइज की जरूरत होती है.

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इस किताब का प्रकाशन न्यू सरस्वती हाउस ने किया है और इसे 12वीं कक्षा के बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. महिलाओं पर इस तरह की टिप्पणी स्कूली पाठ्‌यक्रम में शामिल किये जाने पर देश भर में खासकर सोशल मीडिया में बहस छिड़ गयी है.हालांकि सीबीएसई का इस संबंध में कहना है कि उसने, अपने स्कूलों में निजी प्रकाशकों की किसी भी किताब की अनुशंसा नहीं की है.

सीबीएसई की ओर से कहा गया है कि विद्यालयों से यह उम्मीद की जाती है कि वह किसी निजी प्रकाशक की किताब का चयन करते समय बेहद सावधानी बरतेंगे और सामग्री की जांच जरूर की जानी चाहिए. ताकि किसी भी तरह की आपत्तिजनक सामग्री प्रकाशित ना हो. लोकसभा में मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा कह चुके हैं कि सीबीएसई के पास निजी प्रकाशकों की किताबों पर नियंत्रण का कोई तंत्र नहीं है. साथ ही ऐसी किताबों को लागू करने या उनकी सिफारिश का अधिकार भी नहीं है.गौरतलब है कि इससे पहले भी पाठ्‌यक्रम में विवादित विषयों को शामिल किये जाने का मामला गरमाता रहा है.

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