पठानकोट हमला : ”निकाह” के ”बाराती” बनकर सीमापार से आए थे आतंकी, पढें हमले की पूरी कहानी

नयी दिल्ली : पठानकोट वायुसेना स्टेशन पर हुए आतंकी हमले के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने कल आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर और तीन अन्य आतंकवादियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. 1 जनवरी 2016 को पठानकोट के एयरबेस पर हुए हमले की साजिश रचने के लिए इन चारों पर आरोपी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 20, 2016 9:36 AM

नयी दिल्ली : पठानकोट वायुसेना स्टेशन पर हुए आतंकी हमले के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने कल आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर और तीन अन्य आतंकवादियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. 1 जनवरी 2016 को पठानकोट के एयरबेस पर हुए हमले की साजिश रचने के लिए इन चारों पर आरोपी बनाया गया है. एनआइए ने जानकारी दी कि आतंकवादियों ने इस हमले का कोड ‘निकाह’ रखा था जबकि पठानकोट आए हमलावरों को ‘बाराती’ नाम की संज्ञा दी गई थी. एनआइए की ओर से पाकिस्तान को कई बार इस चार्जशीट पर प्रतिक्रिया देने को कहा गया था, लेकिन पाकिस्तान की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी.

पठानकोट हमला. एनआइए ने दायर किया आरोप-पत्र

पठानकोट वायुसेना स्टेशन पर हुए आतंकी हमले के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने सोमवार को पंचकूला स्थित एनआइए अदालत में आरोपपत्र दायर किया. इस आरोप-पत्र में पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मूसद अजहर, उसके भाई रऊफ असगर,शाहिद लतीफ और कासिम जान को आरोपी बनाया बनाया गया है. सभी चारों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, शस्त्र कानून तथा गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत आरोप लगाये गये हैं. जनवरी में हुए इस भीषण आतंकी हमले में सात सुरक्षाकर्मी शहीद हो गये थे और 37 अन्य घायल हुए थे.

तीन के खिलाफ इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जा चुका है

एनआइए ने बताया कि तीन के खिलाफ इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जा चुका है, लेकिन जान के खिलाफ यह लंबित है. इस आरोप-पत्र को भारत द्वारा संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद रोधी कानून के तहत अजहर पर प्रतिबंधों के वास्ते अपने मामले की पैरवी के लिए इस्तेमाल किये जाने की संभावना है. अजहर को 1999 में इंडियन एअरलाइंस के अपहृत विमान आइसी-814 के बदले में रिहा कर दिया गया था. इस मामले की जांच के लिए भारत ने पाकिस्तान की एक टीम को पठानकोट आने की अनुमति दी थी. आरोप-पत्र में पठानकोट वायुसेना स्टेशन में सुरक्षा में खामी के भी संकेत दिये गये हैं. इसमें कहा गया कि चार आतंकियों – नासिर हुसैन, हाफिज अबु बकर, उमर फारूक और अब्दुल कयूम ने एक जनवरी की सुबह 8:40 बजे पर वायुसेना परिसर में प्रवेश किया और एक नाले तथा पास में स्थित सैन्य इंजीनियरिंग सेवा के शेड में छिपे रहे. चारों आतंकी पाकिस्तानी नागरिक थे. आतंकियों ने दो जनवरी को तड़के 3:20 बजे पर हमला कर दिया.

सिम्बाल सीमा चौकी के पास भारत में घुसे आतंकी

एनआइए ने अपने आरोप-पत्र में कहा कि सभी चारों आतंकियों को व्यापक भड़काऊ, शारीरिक, सैन्य और रणनीतिक प्रशिक्षण मिला था. उन्हें भारत में आतंकी हमलों के लिए कट्टरपंथी बनाया गया था. गोला-बारूद और अन्य साजोसामान से लैस चारों आतंकियों ने भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा के जरिये 30 दिसंबर को सिम्बाल सीमा चौकी के पास वनक्षेत्र से प्रवेश किया.

वाहन और मोबाइल छीना आतंकियों से की बात

भारतीय सीमा में घुसने के बाद ये आतंकी भगवाल गांव से सड़क मार्ग से जानियाल पहुंचे. 31 दिसंबर की रात उन्होंने पीबी06जी 0061 नंबरवाली टैक्सी और चालक इकागर सिंह का अपहरण कर लिया. आतंकियों ने इकागर सिंह से मोबाइल छीना और जैश-ए-मोहम्मद के अपने आका काशिफ जान तथा अन्य आतंकी नेताओं से इन नंबरों 923453030479, 923213132786, 923017775253 पर बात की. इसके बाद आतंकियों ने इकागर सिंह की हत्या कर दी.

एसपी और उनके साथियों को बनाया बंधक

आतंकियों ने सलविंदर सिंह और उनके कुक को बांध दिया. उनकी आंखों पर पट्टी बांध दी तथा गूलपुर सिमली गांव के पास वनक्षेत्र में एक एकांत स्थान पर उन्हें फेंक दिया. हालांकि, वे कार सवार तीसरे व्यक्ति राजेश वर्मा को अपने साथ ले गये, जो एक जौहरी था. सिंह और उनका कुक किसी तरह एक-दूसरे के पास पहुंचे तथा मदद के लिए पैदल ही पास के गांव गूलपुर सिमली पहुंचे. आतंकियों ने पठानकोट वायुसेना स्टेशन की तरफ अपनी यात्रा जारी रखी.

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