स्कॉर्पिन पनडुब्बियों से जुडे लीक दस्तावेजों का नया सेट सार्वजनिक

नयी दिल्ली : स्कॉर्पीन पनडुब्बियों से जुड़े लीक दस्तावेजों का नया सेट भी गुरुवार को जारी किया गया. आस्ट्रेलियाई अखबार "द आस्ट्रेलियन" ने इन दस्तावेजों को अपलोड किया. यह सेट फ्रांस की कंपनी डीसीएनएस द्वारा भारत में बनाए जा रहे छह स्कॉर्पिन पनडुब्बियों की जल के भीतर की युद्ध प्रणाली के संचालन निर्देशों से जुडी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 26, 2016 8:57 AM

नयी दिल्ली : स्कॉर्पीन पनडुब्बियों से जुड़े लीक दस्तावेजों का नया सेट भी गुरुवार को जारी किया गया. आस्ट्रेलियाई अखबार "द आस्ट्रेलियन" ने इन दस्तावेजों को अपलोड किया. यह सेट फ्रांस की कंपनी डीसीएनएस द्वारा भारत में बनाए जा रहे छह स्कॉर्पिन पनडुब्बियों की जल के भीतर की युद्ध प्रणाली के संचालन निर्देशों से जुडी सूचना के लीक दस्तावेजों के संबंध में है. हालांकि एक शीर्ष रक्षा विश्लेषक ने आशंका को खारिज किया कि इससे रणनीतिक रुप से महत्वपूर्ण लडाकू पोतों की सुरक्षा प्रभावित हो सकती है.

पहले की तरह ही अखबार ने वे ब्यौरे जारी नहीं किए जिनसे उसे भारत के सुरक्षा हित प्रभावित होने की आशंका थी. हालांकि दस्तावेजों के नये सेट में पनडुब्बियों की सोनार प्रणाली के ब्यौरे दिए गए हैं जिसका इस्तेमाल पानी के भीतर खुफिया जानकारी हासिल करने के लिए किया जाता है.

दस्तावेजों पर भारतीय नौसेना का प्रतीक चिह्न अंकित है और साथ ही ‘‘निषिद्ध स्कॉर्पिन भारत’ लिखा है. इसमें सोनार की तकनीकी विशिष्टताओं और वह किस डिग्री तथा फ्रीक्वेंसी पर काम करेगा, इसका विस्तार से जिक्र है. दस्तावेज में ‘‘संचालन निर्देशन नियमावली’ है जो हथियार दागने के लिए निशाने का चयन करने के तरीके, हथियार की बनावट चयन के बारे में बताता है.

हालांकि नौसेना ने नये दस्तावेज जारी किए जाने को लेकर आधिकारिक रुप से प्रतिक्रिया नहीं दी है, सूत्रों ने कहा है कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर नहीं पडेगा. उन्होंने कहा कि पनडुब्बी से जुडी इसी तरह की सूचना ‘‘कई नौसेना रक्षा वेबसाइटों पर’ उपलब्ध है.

रक्षा विशेषज्ञ और सोसाइटी ऑफ पॉलिसी स्टडीज के निदेशक कमोडोर (सेवानिवृत्त) उदय भास्कर ने कहा, ‘‘एकबारगी लगता है कि दस्तावेज मूलत: संचालन की नियमावली हैं. आप बाजार से कोई भी सामान खरीदें, उसके साथ संचालन नियमावली मिलेगी.’ उन्होंने कहा कि यह पूछा जाए कि किए गए खुलासे से हमारी पनडुब्बियां खतरे में पड जाएंगी, ‘‘तो जवाब ना में होगा.’ भास्कर ने कहा, ‘‘यह उपयोगकर्ता के लिए बुनियादी संचालन निर्देश जैसा है.’

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