कसाब, नावेद और आतंकी लाहौरी, अब पाकिस्तान को चाहिए कितने सबूत

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के नौगाम सेक्टर में सुरक्षाबलों को एक बड़ी कामयाबी आज हासिल हुई है. मंगलवार को सीमा के निकट मुठभेड़ में जवानों ने जहां चार आतंकियों को ढेर कर दिया है, वहीं एक पाकिस्तानी आतंकी को जिंदा पकड़ने में वह कामयाब रहे. जिंदा पकड़े गए आतंकी पाकिस्तान के लाहौर का बताया जा रहा है […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 26, 2016 1:06 PM

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के नौगाम सेक्टर में सुरक्षाबलों को एक बड़ी कामयाबी आज हासिल हुई है. मंगलवार को सीमा के निकट मुठभेड़ में जवानों ने जहां चार आतंकियों को ढेर कर दिया है, वहीं एक पाकिस्तानी आतंकी को जिंदा पकड़ने में वह कामयाब रहे. जिंदा पकड़े गए आतंकी पाकिस्तान के लाहौर का बताया जा रहा है जिसका संबंध आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से हैं. यह पहली बार नहीं है जब सेना के हाथ कोई जिंदा आतंकी लगा है.


पहला जिंदा आतंकी कसाब

सुरक्षाबलों के हाथ अजमल कसाब भी लगा था जिसने नवंबर 2008 में मुंबई हमले को अंजाम देने में अहम भूमिका निभाई थी. कसाब लश्कर का कमांडर था. कसाब पाकिस्तान के फरीदकोट के ओकारा गांव का था. 2008 में मुंबई हमले के दौरान अजमल आमिर कसाब को असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर तुकाराम ने जिंदा पकड़ा था. आतंकी कसाब ने अपने आपको छुड़ाने के लिए तुकाराम को गोली मार दी थी जिसमें वह शहीद हो गए थे. उन्होंने जब कसाब को पकड़ा था तब उनके पास केवल एक डंडा मात्र था.

दूसरा जिंदा आतंकी नावेद

इससे पहले उधमपुर में बीएसएफ के एक काफिले पर हमला करनेवाला आतंकी नावेद भी सुरक्षाबलों के हाथ लगा था जिसका संबंध पाकिस्तान से है. लश्कर-ए-तैयबा के इस आतंकवादी मोहम्मद नावेद से जब सुरक्षाबलों ने पूछताछ की थी तो उसने कहा था कि ‘ऐसा करने में मजा आता है.’ उधमपुर आतंकवादी हमले में बीएसएफ के दो जवान मारे गए थे. गिरफ्तार आतंकी नवेद के पिता का नाम मोहम्मद याकूब है और उसके 2 भाई व एक बहन भी है. आतंकी पाकिस्तान में गुलाम मुस्तफ़ाबाद गांव का रहने वाला है.

बड़ी कामयाबी

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि आतंकी के जिंदा पकड़े जाने को बहुत बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जाना चाहिए. इससे पाकिस्तान को बेनकाब करने में मदद मिलेगी. मुठभेड़ के बाद एक अधिकारी ने बताया, ‘चार आतंकियों को मार गिराया गया है, जबकि एक को जिंदा पकड़ा गया है. सभी आतंकी सरहद पार के हैं. मुठभेड़ स्थल पर आतंकियों के होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद कार्रवाई की गई.’

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