RSS-BJP बैठक : बोले राम माधव, राम मंदिर नहीं अन्य मुद्दों पर हुई चर्चा

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की तीन दिवसीय समन्वय बैठक आज बसंत कुंज इलाके के मध्यांचल में हुई.इस बैठक में मोदी सरकार के दिग्गज अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, नितिन गडकरी पहुंचे. पीएम नरेंद्र मोदी खुद तीसरे दिन यानी शुक्रवार को बैठक में शामिल होंगे.यह बैठक कई मायनों में अहम है. बिहार विधानसभा चुनाव, […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 2, 2015 10:51 AM
नयी दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की तीन दिवसीय समन्वय बैठक आज बसंत कुंज इलाके के मध्यांचल में हुई.इस बैठक में मोदी सरकार के दिग्गज अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, नितिन गडकरी पहुंचे. पीएम नरेंद्र मोदी खुद तीसरे दिन यानी शुक्रवार को बैठक में शामिल होंगे.यह बैठक कई मायनों में अहम है. बिहार विधानसभा चुनाव, संसद में लटके नरेंद्र मोदी सरकार के सुधारवादी विधेयक जीएसटी, भूमि संशोधन, रियल एस्टेट आदि को लेकर यह अहम है. पीएम नरेंद्र मोदी खुद तीसरे दिन यानी शुक्रवार को बैठक में शामिल होंगे. भाजपा महासचिव ने मीडिया की इन खबरों को खारिज किया कि इस बैठक में राम मंदिर व ओआरओपी के मुद्दे पर चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि समाज के तमाम आवश्यक मुद्दों पर इस बैठक में चर्चा हुई है.
हालांकि,संघ के द्वारा सरकार के शीर्ष मंत्रियों की ली जा रही बैठक पर भी देश में राजनीति गरमा गयी है. नेशनल कान्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने इस बैठक को संघ का भाजपा के लिए अपरेजल बैठक करार दिया है. जबकि आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता आशुतोष ने कहा है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ एक असंवैधानिक संस्था है, ऐसे में वह सरकार जैसी संवैधानिक संस्था की समीक्षा बैठक नहीं ले सकता है. आशुतोष ने कहा है कि इस बैठक में सरकार के शीर्ष मंत्री का शामिल होना गलत है. उन्होंने कहा कि संघ राजनीति नहीं कर सकता है, क्योंकि दूसरे संघ प्रमुख गोलवलकर से 1949 में तत्कालिन गृहमंत्री सरदार पटेल ने लिखवा कर लिया था कि आरएसएस राजनीति नहीं करेगा.
सूत्रों के अनुसार, इस अहम बैठक में भारतीय जनता पार्टी को उसका पितृ संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघतीन दिनों तक भाजपा व सरकार को जमीनी फिडबैक देगा, जो उसकी आगे की नीति तय करने में अहम होगा. साथ ही संघ अपने एजेंडों के बारे में भी भाजपा को आगाह करेगा.
बैठक में पीएम मोदी होंगे शामिल, आडवाणी को न्योता नहीं
संघ की इस अहम समन्वय बैठक में भाजपा के सभी बडे नेताओं व शीर्ष मंत्रियों को आमंत्रित किया गया है. लेकिन पार्टी के पितृ पुरुष रहे लालकृष्ण आडवाणी को न्योता नहीं भेजा गया है. ऐसे में वे बैठक में शामिल नहीं होंगे. संघ प्रमुख मोहन भागवत की मौजूदगी वाली इस बैठक में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह लगभग हर सत्र में मौजूद रहेंगे. वहीं, पार्टी के प्रमुख नेता व बडे मंत्री अलग-अलग सत्र में मौजूद रहेंगे. पार्टी के बडे नेताओं को संघ जहां सांगठनिक टॉस्क देगा, वहीं मंत्रियों को उनके विभाग के कामकाज का टॉस्क दिया जायेगा.
बिहार चुनाव के लिए अहम है यह बैठक
बिहार चुनाव के मद्देनजर यह बैठक बेहद अहम है. लगातार जीत के जश्न में डूबी भाजपा को पिछली बार जब दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी से करारी शिकस्त मिली, उसके बाद से संघ ने पार्टी पर अपनी पकड बढा दी है. इससे पहले भी संघ व भाजपा की समन्वय बैठक में संघ ने भाजपा को बिहार चुनाव के मद्देनजर फिडबैक दिया था और लडाई को आसान नहीं समझने की सलाह दी थी. बिहार में जदूय, राजद और कांग्रेस के सामाजिक गठजोड के खिलाफ भाजपा कैसे अपने गठजोड को सजायेगी, इस पर भी चर्चा होगी. हालांकि अरुण जेटली जैसे भाजपा के आला नेता मानते हैं कि उनका गंठबंधन सामाजिक दृष्टिकोण से कहीं अधिक मजबूत है और उसमें जदयू, राजद व कांग्रेस की तरह विरोधाभाष भी नहीं है.

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