याकूब मेमन की बदली जा सकती है फांसी की तारीख

नागपुर : 1993 मुंबई धमाके के दोषी याकूब मेमन को 30 जुलाई को फांसी दी जायेगी. प्राप्त जानकारी के अनुसार टाडा कोर्ट ने इस संबंध में वारंट जारी किया है. मेनन को नागपुर सेंट्रल जेल में 30 जुलाई को सुबह 7 बजेफांसी के फंदे पर लटकाया जायेगा. टीवी रिपोर्ट की माने तो महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 15, 2015 7:54 AM

नागपुर : 1993 मुंबई धमाके के दोषी याकूब मेमन को 30 जुलाई को फांसी दी जायेगी. प्राप्त जानकारी के अनुसार टाडा कोर्ट ने इस संबंध में वारंट जारी किया है. मेनन को नागपुर सेंट्रल जेल में 30 जुलाई को सुबह 7 बजेफांसी के फंदे पर लटकाया जायेगा. टीवी रिपोर्ट की माने तो महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री कार्यालय की ओर से इस बात की पुष्‍टि कर दी गई है.

सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल में मेमन की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी जिसके बाद उनकी ओर से दोबारा पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट में डाली गयी है जिसपर सुनवाई 21 जुलाई को हो सकती है.आपको बता दें किराष्‍ट्रपति ने मेमन की दया याचिका पहले ही खारिज कर दी है.2007 में टाडा कोर्ट ने याकूब मेमन को फांसी की सजा सुनाई थी.मुंबई बम धमाके के मामले में पहली बार किसी को फांसी की सजा दी जायेगी.

बदली जा सकती है जगह और तारीख

प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकार याकूब मेमन को फांसी देने की तारीख और जगह बदली जा सकती है. ऐसा सुरक्षा कारणों से किया जा सकता है. फिलहाल खबर है कि उसे 30 जुलाई को नागपुर सेंट्रल जेल में फांसी दी जायेगी. सूत्रों के अनुसार यदि सरकार को मेमन की सुरक्षा को लेकर खुफिया जानकारी मिलेगी तो वह फांसी की तारीख और जगह बदल सकती है. आपको बता दें कि आतंकी आमिर अजमल कसाब को फांसी देने के पहले भी काफी ऐहतियात बरते गये थे.

क्या है मुंबई धमाका

मुंबई में 12 मार्च 1993 को एक योजना के तहत 13 बम धमाके किये गये जिसमें 257 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी, जबकि 713 अन्य जख्मी हुए थे. देश में पहली बार आरडीएक्स की मदद से विस्फोट किए गए थे. इन धमाकों में 28 करोड़ रुपये की संपत्ति नष्ट हो गई थी. मुंबई स्टॉक एक्सचेंज की इमारत, नरिमन प्वाइंट पर इयर इंडिया भवन, वोर्ली में सेन्चुरी बाजार के सामने होटल सी रॉक और जूहू सेन्तूर सहित 12 स्थानों को धमाकों से हिला दिया गया था. इन धमाकों में कथित रूप से दाउद इब्राहिम, टाइगर मेमन और उसके भाई अयूब मेमन मुख्य षड़यंत्रकारी थे और इन्हें वांछित अपराधी घोषित कर दिया गया था.

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