राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ने कहा, राष्ट्रगान में संशोधन होना चाहिए

जयपुर : राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ने राष्ट्र गान में संशोधन की मांग की है. उन्होंने कहा राष्ट्र गान में अधिनायक शब्द का प्रयोग करना ठीक नहीं है इससे ब्रिटिश शासन के गुणगान का पता चलता है. अब वक्त आ गया है कि इसके संशोधन पर विचार किया जाना चाहिए. राजस्थान के राज्यपाल कल्याण […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 8, 2015 8:57 AM

जयपुर : राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ने राष्ट्र गान में संशोधन की मांग की है. उन्होंने कहा राष्ट्र गान में अधिनायक शब्द का प्रयोग करना ठीक नहीं है इससे ब्रिटिश शासन के गुणगान का पता चलता है. अब वक्त आ गया है कि इसके संशोधन पर विचार किया जाना चाहिए. राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह मंगलवार को राजस्थान के विश्वविद्यालय में 26वें दिक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा, राष्ट्रगान में अधिनायक की जगह मंगलदायक शब्द का इस्तेमाल होना चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं रविन्द्र नाथ टैगोर का बहुत सम्मान करता हूं और उनके प्रति पूरी श्रद्धा रखते हुए यह बात कह रहा हूं.

टैगोर ने दिसंबर 1911 में राष्ट्रगान का निर्माण किया था. उस वक्त भी यह बहस का मुद्दा था कि इसमें ब्रिटिश शासन की प्रशंसा होनी चाहिए या नहीं. इस पूरे मामले पर टैगोर ने 1937 में पुलिन बिहारी सेन को लिखी गयी एक चिट्ठी मे उन्होंने सफाई दी थी और आरोपों से इनकार किया था. कल्याण सिंह ने सिर्फ राष्ट्रगान के एक शब्द पर आपत्ति नहीं जतायी बल्कि राज्यपाल को महामहिम कहे जाने पर भी आपत्ति जतायी. उन्होंने कहा इस शब्द के इस्तेमाल से बचना चाहिए क्योंकि यह ब्रिटिश शासकों को महान बताने के उदेश्य से इस्तेमाल किया जाता था.
कल्याण सिंह ने कहा, ऐसे बहुत से शब्द औऱ परंपराएं अभी भी मौजूद है जो ब्रटिश शासन से चली आ रही है और लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है उसमें संशोधन बेहद जरूरी है इस पर सबको विचार करना चाहिए. यह पहली बार नहीं है जब कल्याण सिंह ने इस तरह की टिप्पणी की हो इससे पहले भी वह मुगल बादशाह अकबर की तुलना में महाराणा प्रताप को बेहतर शासक बताया था. आज भी कल्याण सिंह इस बात को दोहराना नहीं भूले उन्होंने कहा, महाराणा प्रताप के जीवन पर शिक्षा विभाग को पाठ्यक्रम शुरू करना चाहिए. उन्होंने छात्रों से सवाल किया कि क्या हमारे लिए यहां शासन करने वाले लोग महान होंगे या आजादी की लड़ाई में बलिदान देने वाले

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