किरण रिजिजू एयर-इंडिया विमान मामला : दो मंत्री फंसे, सरकार ने माफी मांगी

नयी दिल्ली/जम्मू :केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू, जम्मू कश्मीर के उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह और एक सहयोगी के लिए जगह बनाने के लिए तीन सदस्यों वाले एक परिवार को लेह-दिल्ली की उडान से कथित रुप से उतार दिए जाने की खबरें सामने आने के बाद विवादों में घिरी सरकार आज माफी मांगने के लिए बाध्य हुई. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 2, 2015 12:08 PM

नयी दिल्ली/जम्मू :केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू, जम्मू कश्मीर के उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह और एक सहयोगी के लिए जगह बनाने के लिए तीन सदस्यों वाले एक परिवार को लेह-दिल्ली की उडान से कथित रुप से उतार दिए जाने की खबरें सामने आने के बाद विवादों में घिरी सरकार आज माफी मांगने के लिए बाध्य हुई.

इस घटना के मीडिया में सुर्खियां बनने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय से रिपोर्ट मांगी. यह मामला इसी तरह के एक अन्य मामले के सामने आने के कुछ दिन बाद आया जिसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस शामिल थे. रिजिजू ने जहां यात्रियों को हुई परेशानी के लिए माफी मांग ली, निर्मल सिंह अपनी गलती मानने को तैयार नहीं हुए और इसकी बजाय पायलट और एयर इंडिया के अन्य सदस्यों पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए निशाना साधा.

इसके पहले गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू के कारण लेह से दिल्ली आ रही एयर इंडिया के विमान के विलंब होने व उस पर से कथित रूप से एक बच्चे सहित तीन लोगों को नीचे उतार दिये जाने के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यालय पीएमओ हरकत में आ गया है. प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस संबंध में नागरिक उड्डयन मंत्रालय से रिपोर्ट तलब किया है और पूरे घटनाक्रम की विस्तृत जानकारी देने को मंत्रालय को कहा है. इससे पहलेएयर इंडिया के विमान को रुकवाने के मामले में केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू के बचाव में जम्मू-कश्‍मीर के उपमुख्‍यमंत्री निर्मल सिंह उतर आये.

निर्मल सिंह ने कहा कि इस मामले को बेवजह तूल दिया जा रहा है. इस मामले में नियमों को ताक पर नहीं रखा गया है. हमें विमान के समय बदलने की जानकारी 9:30 बजे दी गई जिसके बाद हम 10: 20 बजे एयरपोर्ट पहुंचे. विमान के उड़ान का समय 11 : 15 बजे था. निर्मल सिंह ने कहा कि पायलट की ओर से हमारे साथ बदतमीजी की गई जिसकी शिकायत हमने 26 जून को एयर इंडिया प्रशासन से की. उन्होंने कहा कि मैं एक आम यात्री के नाते यह चाहता हूं कि मामले की जांच की जाये और दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाये. हमने किसी भी यात्री को विमान से नहीं उतारा है.

क्या है मामला

केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू एक विवाद के केंद्र में आ गए हैं जो उडान में विलंब से जुडा हुआ है. खबर है कि कथित तौर पर उनके कारण लेह से दिल्ली आने वाली एक उडान में करीब एक घंटे की देरी हुई और उनके तथा उनके सहयोगी की खातिर विमान से कथित तौर पर तीन यात्रियों को उतार दिया गया जिनमें एक बच्चा भी था. सूत्रों के अनुसार यह घटना 24 जून की है. उडान भरने के लिए विमान के दरवाजे बंद हो चुके थे लेकिन इसने तय समय पर उडान नहीं भरी क्योंकि रिजिजू और उनके पीए को सवार होना था.

किरण रिजिजू ने दी सफाई

किरण रिजिजू ने अपने उपर लगे इस आरोप को खारिज किया है. उन्होंने कहा कि विमान तकनीकी कारणों से पहले उड़ान भर रहा था. उन्होंने कहा कि विमान का समय 11: 40 मिनट था लेकिन जब मैं 10: 20 बजे एयरपोर्ट पहुंचा तो विमान उड़ान भरने वाला था. रिजिजू ने कहा कि पहले मुझे सेना के हेलिकॉप्टर से श्रीनगर जाना था लेकिन मौसम खराब होने के कारण मुझे एयर इंडिया के विमान से जाना पड़ा. विमान से तीन यात्रियों को उतारे जाने के संबंध में उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की जानकारी नहीं हैं लेकिन यदि ऐसा हुआ है तो यह अच्छी बात नहीं है.

कांग्रेस और ‘आप’ पार्टी ने लिया आड़े हाथ

इस मामले को लेकर कांग्रेस ने भाजपा को आड़े हाथ लिया है. कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा है कि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए. उन्होंने गुरूवार को ट्वीट किया जिसमें उन्होंने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जोरदार हमला किया. उन्होंने कहा कि भाजपा के वीआइपी महाराजा ने एयर इंडिया का विमान देर करवाया इतना ही नहीं यात्रियों को विमान से उतारा. अब तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने घमंडी मंत्रियों के बारे में कुछ बोलना चाहिए. उन्होंने कहा क्या अब भी प्रधानमंत्री को खामोश रहना चाहिए. वहीं, कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने कहा कि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने वीआइपी मंत्रियों को लेकर अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए और उन्हें अपना पक्ष रखना चाहिए. आम आदमी पार्टी नेता दिलीप पांडे ने कहा कि किरण रिजिजू एक केंद्रीय मंत्री हैं इस वजह से विमान के उड़ान में देरी कि जाए, इतना ही नहीं लोगों को विमान से उतार कर उनको बैठाया जाए. यह ठीक नहीं हैं. इसके लिये उन्हें माफी मांगनी चाहिए.

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