तोमर के अलावा इन नेताओं ने भी अरविंद केजरीवाल के लिए खड़ी की है मुश्किलें

-मनोज अग्रवाल- आम आदमी पार्टी (आप) सत्ता संभालने के साथ ही मुश्किलों की दौर से गुजर रही है. सत्ता संभालने के कुछ दिनों के बाद से ही योगेंद्र-प्रशांत प्रकरण के कारण आम आदमी पार्टी विवादों में रही. काफी उठापटक के बाद जब मामला थोडा शांत हुआ तो कुमार विश्वास के मामले को लेकर भी आप […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 12, 2015 6:09 PM

-मनोज अग्रवाल-

आम आदमी पार्टी (आप) सत्ता संभालने के साथ ही मुश्किलों की दौर से गुजर रही है. सत्ता संभालने के कुछ दिनों के बाद से ही योगेंद्र-प्रशांत प्रकरण के कारण आम आदमी पार्टी विवादों में रही. काफी उठापटक के बाद जब मामला थोडा शांत हुआ तो कुमार विश्वास के मामले को लेकर भी आप की छवि को आघात पहुंचा. इन सब मामलों में पार्टी संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल परेशानी में रहे. अब जब वह मामला शांत हुआ तो केजरीवाल जितेंद्र सिंह तोमर के कारनामें से परेशान हैं.

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक अरविंद केजरीवाल जितेंद्र सिंह तोमर घटनाक्रम से काफी परेशान हैं और हो सकता है वह तोमर को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा देंगे. ईमानदारी और सच्चाई का डंका पीटकर सत्ता में आये केजरीवाल की पार्टी के लिए तोमर का फर्जीवाडा एक गहरा आघात है. तोमर ने न केवल कई विश्वविद्यालयों से फर्जी डिग्री ली बल्कि उसने फर्जी आरटीआई दिखाकर भी अपनी बात को प्रमाणित करने की कोशिश की वो भी ऐसे शख्स के सामने जो खुद एक आरटीआई कार्यकर्ता के रुप में देश दुनिया में प्रसिद्ध है. ऐसे व्यक्ति को धोखा देकर भी तोमर ने आप पार्टी में अपनी जगह बनायी और मंत्री के पद तक पहुंचे.

यह पहली बार नहीं है जब अपनी पार्टी के नेताओं की वजह से केजरीवाल को परेशानियों का सामना करना पडा है. इसके पहले भी पार्टी के कई नेताओं की वजह से केजरीवाल को परेशानियों से दो चार-होना पडा है. आइए जानते है कुछ उन पार्टी नेताओं के बारे में जिनकी वजह से केजरीवाल और आम आदमी की पार्टी को परेशानियों का सबब झेलना पडा है-

जितेंद्र सिंह तोमर

जैसा कि चर्चा की जा चुकी है कि आम आदमी पार्टी में कानून मंत्री रहे जितेंद्र सिंह तोमर की सभी डिग्रियां फर्जी पायी गयी है. इसको लेकर उसे गिरफ्तार किया गया है और उनसे पूछताछ जारी है. उन्होंने कानून की भी जो डिग्री ली है वह भी फर्जी है. अवध विश्वविद्धालय, भागलपुर विश्वविद्धालय ने जांच के बाद कहा कि तोमर की डिग्री फर्जी है. इसको लेकर आम आदमी पार्टी आलोचनाओं से घिर गयी है. यहां तक कि अन्य पार्टियां केजरीवाल से भी इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.

सोमनाथ भारती

सोमनाथ भारती भी आम आदमी पार्टी में पहली पारी में कानून मंत्री थे. हाल ही में उनकी पत्नी ने उनपर घरेलू हिंसा का आरोप लगाया है. उनकी पत्नी लिपिका भारती ने आरोप लगाया है कि वह उसे मारता-पीटता है, गाली देता है और जान से मारने की धमकी देता है. इसको लेकर लिपिका ने दिल्ली महिला आयोग में शिकायत भी की और आयोग की ओर से पेश होने के लिए सोमनाथ को नोटिस भी जारी किया गया है. इसको लेकर भी केजरीवाल की समस्या बढ गयी है. यदि लिपिका का आरोप सही साबित होता है तो यह सोमनाथ के साथ-साथ केजरीवाल के लिए भी परेशानी खडी कर सकता है. सोमनाथ भारती इसके पहले भी नाइजीरिया महिला को लेकर विवादों में थे.

राखी बिडला

आम आदमी पार्टी की विधायक और पूर्व मंत्री रही राखी बिड़ला की वजह से भी आम आदमी पार्टी को आलोचनाओं का शिकार होना पडा है. भाजपा की ओर से राखी बिड़ला पर ठेकेदारों के साथ मिलकर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया गया. उनपर आरोप लगा कि जो स्ट्रीट लाइन 15,000 में मिलती है उसे एक लाख में और 10,000 की सीसीटीवी यूनिट 6 लाख में लगवाया गया. इसके अलावा राखी बिडला के काफिले पर एक बार खेल रहे बच्चों का फुटबॉल गिर गया था जिसको लेकर भी काफी हो हंगामा हुआ था. इससे भी आम आदमी पार्टी की छवि को धक्का लगा था कि अपने को आम कहने वाली आम आदमी पार्टी आम नहीं खास है.

बिनोद कुमार बिन्नी

दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार बनते ही असंतुष्ट नजर आने वाले पार्टी के पूर्व नेता विनोद कुमार बिन्नी ने भी आप के लिए काफी परेशानियां खडी की. हालांकि यह पार्टी के आंतरिक मामलों को लेकर बढा मतभेद था लेकिन यह मतभेद इतना बढा की उसने पार्टी छोड दी. और इस साल के दिल्ली विधानसभा चुनाव के पहले वह भाजपा में शामिल हो गए.

शाजिया इल्मी

विशेषकर आम आदमी पार्टी में आने के बाद विशेष पहचान बनाने वाली शाजिया इल्मी ने भी आप को अलविदा कह केजरीवाल के लिए चुनाव से पहले परेशानी खडी की. उसने न केवल पार्टी छोडी बल्कि पार्टी छोडकर भाजपा को गले लगाया. बाद में उसने केजरीवाल के खिलाफ भी मीडिया के सामने टिप्पणी की. इसको लेकर भी केजरीवाल मुश्किलों में पडे.

जो भी हो इन परेशानियों और मुश्किलों के बावजूद केजरीवाल पर दिल्ली की जनता ने भरोसा जताया और उन्हें भारी बहुमत से दिल्ली की गद्दी पर बैठाया. लेकिन गद्दी पर बैठने के बाद भी इनकी मुश्किलें बढती जा रही है. अब आगे देखना होगा कि इन मुश्किलों से उबरते हुए वह जनता से किये गये वायदों में कितना खरा उतरते हैं.

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