अदालत ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा गोवध पर पाबंदी से जुडे कानून के लागू होने की सटीक तारीख

मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने आज महाराष्ट्र सरकार से स्पष्टीकरण मांगा कि बैल और सांडों के वध पर पाबंदी लगाने वाले नये महाराष्ट्र पशु संरक्षण (संशोधन) कानून के लागू होने की तारीख क्या है.न्यायमूर्ति वीएम कनाडे और न्यायमूर्ति एआर जोशी की खंडपीठ ने सरकार को कल यह बताने का निर्देश दिया कि नया कानून किस […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 11, 2015 6:43 PM
मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने आज महाराष्ट्र सरकार से स्पष्टीकरण मांगा कि बैल और सांडों के वध पर पाबंदी लगाने वाले नये महाराष्ट्र पशु संरक्षण (संशोधन) कानून के लागू होने की तारीख क्या है.न्यायमूर्ति वीएम कनाडे और न्यायमूर्ति एआर जोशी की खंडपीठ ने सरकार को कल यह बताने का निर्देश दिया कि नया कानून किस तारीख से अस्तित्व में आया है.
यह स्पष्टीकरण इसलिए मांगा गया क्योंकि ‘बोम्बे सबअर्बन बीफ डीलर्स वेलफेयर एसोसिएशन’ की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता यूसुफ मुचाला ने दावा किया कि राज्य सरकार की अधिसूचना जारी होने से पहले ही पुलिस ने बूचडखानों और गौमांस कारोबारियों के पास से पशु जब्त कर लिये.
मुचाला के अनुसार, तीन मार्च को उच्च न्यायालय ने कानून लागू करने की मांग वाली ‘भारतीय गौवंश रक्षण संवर्धन परिषद’ की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए शहर पुलिस आयुक्त और नगर निकाय प्रमुख को बैलों और सांडों के वध के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था.
मुचाला ने दलील दी, ‘‘दो दिन बाद जब गौमांस व्यवसायी संघ ने इस कानून के खिलाफ उच्च न्यायालय से गुहार लगाई, तो सरकार ने कहा कि उसने राजपत्र में अभी अधिसूचना जारी नहीं की है. सरकार ने नौ मार्च को अदालत को बताया कि अधिसूचना जारी हुई है.’’ उन्होंने कहा कि तीन मार्च के आदेश के बाद, पुलिस ने गौमांस कारोबारियों से पशु जब्त कर लिये.

Next Article

Exit mobile version