अब से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम में भाग ले पाएंगे सरकारी कर्मचारी

रायपुर : छत्‍तीसगढ़ में सरकारी कर्मचारियों को राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यक्रमों में भाग लेने की अनुमति मिल गयी है. अब सरकारी कर्मचारी और अन्य अधिकारी ना सिर्फ आरएसएस के कार्यक्रमों में हिस्‍सा ले पाएंगे बल्कि आरएसएस के सदस्‍य भी बन सकेंगे. अविभाजित मध्‍यप्रदेश के वक्‍त दिग्‍विजय सिंह की सरकार ने प्रदेश में मई […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 26, 2015 10:39 AM
रायपुर : छत्‍तीसगढ़ में सरकारी कर्मचारियों को राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यक्रमों में भाग लेने की अनुमति मिल गयी है. अब सरकारी कर्मचारी और अन्य अधिकारी ना सिर्फ आरएसएस के कार्यक्रमों में हिस्‍सा ले पाएंगे बल्कि आरएसएस के सदस्‍य भी बन सकेंगे.
अविभाजित मध्‍यप्रदेश के वक्‍त दिग्‍विजय सिंह की सरकार ने प्रदेश में मई 2000 से राज्‍य सरकार ने एक अधिसूचना जारी की थी जिसके तहत राज्‍य के किसी भी सरकारी कर्मचारी को आरएसएस या अन्‍य ऐसी किसी संस्‍था की गतिविधियों में शामिल होना सविल सेवा आचरण अधिनियम 1965 का उल्‍लंघन माना जाएगा. अलग राज्‍य बनने के बाद भी यह प्रतिबंध जारी रखा गया था.
लेकिन प्रतिबंध के 15 सालों बाद आरएसएस की दखल पर एनडीए की सरकार ने इस प्रतिबंध को हटा दिया है. सरकार का मत है कि आरएसएस एक गैर-राजनीतिक और राष्‍ट्रवादी संस्‍था है. एनडीए का कहना है कि देश की आजादी में आरएसएस का महत्‍वपूर्ण योगदान रहा है. इसीलिए ऐसी संस्‍था से जुड़नेके लिए किसी को भी सरकार से अनुमति लेने की जरुरत नहीं है. यह लोगों का अपना निर्णय होना चाहिए.
वहीं दूसरी ओर राज्‍य सरकार के इस कदम से विपक्षी खेमें से विरोध पैदा हो गया है. कांग्रेसी नेताओं ने एनडीए सरकार पर भगवाकरण का आरोप लगाया है. भारतीय कम्युनिस्टपार्टी के केंद्रीय कार्यकारिणी के सदस्‍य सीआर बख्‍शी ने केंद्र सरकार पर सांप्रदायिकता का आरोप आरोप लगाते हुए कह कि नरेंद्र मोदी की सरकार मूल रूप से संघ की सरकार है इसीलिए पूरे देश में संघ के एजेंडे के अनुसार निर्णय लिए जा रहे हैं.

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