पेरिस सम्मेलन पर एक जैसा रुख अपनाएं राष्ट्रमंडल देश : सुरेश प्रभु

नयी दिल्ली : जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर वार्ता को लेकर भारत के चीन से जुड़ाव के विचार के आलोचक रहे केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने आज भारत सहित राष्ट्रमंडल देशों की ‘‘लामबंदी’’ की वकालत की ताकि पेरिस सम्मेलन में इस मुद्दे पर एक बेहतर समझौते को अंतिम रूप दिया जा सके. रेल मंत्री का […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 7, 2015 11:02 PM

नयी दिल्ली : जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर वार्ता को लेकर भारत के चीन से जुड़ाव के विचार के आलोचक रहे केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने आज भारत सहित राष्ट्रमंडल देशों की ‘‘लामबंदी’’ की वकालत की ताकि पेरिस सम्मेलन में इस मुद्दे पर एक बेहतर समझौते को अंतिम रूप दिया जा सके. रेल मंत्री का पदभार संभालने से पहले जलवायु परिवर्तन पर प्रधानमंत्री के विशेष दूत रह चुके प्रभु ने इच्छा जताई कि इस साल दिसंबर में पेरिस में होने वाली ‘कान्फ्रेंस ऑफ पार्टीज’ के 21वें सत्र में जलवायु परिवर्तन पर किसी समझौते को अंतिम रूप देने में चीन एक ‘‘बड़ी भूमिका’’ निभाए.

ऊर्जा संसाधन संस्थान (टेरी) द्वारा दिल्ली सतत विकास सम्मेलन (डीएसडीएस) में आयोजित एक मंत्री-स्तरीय सम्मेलन में हिस्सा लेते हुए प्रभु ने यूरोपीय संघ, अमेरिका, द्वीपीय देश और राष्ट्रमंडल देशों की अगुवाई में जलवायु परिवर्तन पर विभिन्न ब्लॉकों की जरूरत पर जोर दिया. राष्ट्रमंडल भारत सहित 53 देशों का एक अंतर-सरकारी संगठन है, जिसमें पूर्व ब्रिटिश साम्राज्य के अंग रहे देश शामिल हैं. प्रभु ने पेरिस सम्मेलन से पहले ऐसे ब्लॉकों की अलग-अलग बैठकों की जरूरत बतायी.

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