ओबामा-मोदी ने साथ-साथ की ”मन की बात”

नयी दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मन की बात में अपनी विचारों को रखा. उन्होंने सर्वप्रथम मन की बात में कहा कि आज इसमें बराक ओबामा मेरे साथ हैं.सवाल राजनीति विदेश नीति, आर्थिक नीति से है लेकिन कुछ सवाल दिल को छूने वाले भी है.क्या आपको पता है […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 27, 2015 8:18 PM

नयी दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मन की बात में अपनी विचारों को रखा. उन्होंने सर्वप्रथम मन की बात में कहा कि आज इसमें बराक ओबामा मेरे साथ हैं.सवाल राजनीति विदेश नीति, आर्थिक नीति से है लेकिन कुछ सवाल दिल को छूने वाले भी है.क्या आपको पता है स्वाहिली भाषा में बराक का अर्थ है वह जिसे आशीर्वाद प्राप्त है.

अफ़्रीकी देश उबन्तु के ‘मैं हूँ क्योकि हम है’ का अनुसरण करते है. हम कहते है वसुधैव कुटुम्बकम. ये विरासत हमें जोड़ती है.जब हम महात्मा गांधी की चर्चा करते है तो हमें हेनरी थोरो की बात याद आती है जिनसे गांधीजी ने अवज्ञा का सिद्धांत सीखा था.

मुंबई से राज ने पूछा हैं कि ओबामा जी आप अपनी बेटियों को भारत के बारे में अपने अनुभव कैसे बताएंगे.ओबामा ने कहा कि मैं उन्हें बताऊंगा की उन्होंने जैसे शानदार भारत की कल्पना की है भारत वैसा ही देश है.

पीएम मोदी ने कहा कि भारत बराक और उनके परिवार का दोबारा स्वागत करने के लिए इच्छुक है. उन्होंने कहा किभारत में लिंगानुपात एक चिंता का विषय है और इसका मूल कारण लड़के और लड़की के प्रति हमारा दोषपूर्ण रवैया है.ओबामा जिस प्रकार से अपनी दोनों बेटियों का लालन-पालन करते है वह अपने आप में एक प्रेरणा हैबेटी बचाना, बेटी पढ़ाना ये हमारा सामाजिक और सांस्कृतिक कर्तव्य और मानवीय जिम्मेवारी है.

अहमदाबाद से कमलेश ने पूछा की क्या आप और मिशेल डाइबीटिज और मोटापे को समाप्त करने के लिए राष्ट्रपति कार्यकाल के बाद भारत में कार्य करेंगे?

इस पर ओबामा ने कहा कि हम मोटापा सहित स्वास्थ्य संबंधी अन्य मुद्दों को लेकर भारतीय संस्थानों के साथ साझेदारी का इच्छुक है.

ओबामा ने कहा कि मुझे लगता है की हम दोनों को एक अपेक्षाकृत विनम्र शुरुआत से आने के साथ एक असाधारण अवसर मिला है.

मैंने कभी सोचा नही था की मुझे भी कभी ज़िंदगी मैं व्हाइट हाउस जाने का अवसर मिलेगा.मोदी ने कहा कि सपने देखने है तो कुछ करने के देखो. कुछ करते हो तो संतोष भी मिलता है और नया करने की प्रेरणा भी मिलती है. भारत माता की सेवा करना सवा सौ करोड देश की सेवा करना इससे बड़ा सपना क्या हो सकता है.मैं आज की जो युवा शक्ति है और जो उसकी पहुंच है, यही कहूंगा ‘Youth-Unite the World- युवकों दुनिया को एक करो.‘

बेन्जामिन फ्रेंकलिन का जीवन चरित्र हमें यह प्रेरणा देता है कि व्यक्ति को जीवन को बदलने के लिए समझदारी पूर्वक कैसे प्रयास करना चाहिए. मुझे यह बात प्रेरणा देती है कि झुग्गी झोपड़ी में रहने वाला गरीब भी मेरी चिन्ता करता है. मैं अपना जीवन ऐसे लोगों की सेवा में लगा दूंगा.

अंत में पीएम मोदी ने कहा कि मैं बराक और देशवासियों का बहुत आभारी हूं कि उन्होंने मन की बात के लिए समय दिया. उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि मेरी और बराक के बीच आज जो बात हुई है उस पर एक E-book निकाली जाये.

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