जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन को लेकर पीडीपी, नेशनल कांफ्रेंस से चल रही है बातचीत : शाह

श्रीनगर/मुंबई : जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने को लेकर गतिरोध आज 11वें दिन प्रवेश करने के साथ ही भाजपा ने कहा है कि पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस, दोनों के साथ ही बातचीत जारी है लेकिन अभी तक कोई ‘सार्थक नतीजा’ नहीं निकला है. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने राज्य में सरकार गठन की स्थिति के बारे […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 2, 2015 8:51 PM
श्रीनगर/मुंबई : जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने को लेकर गतिरोध आज 11वें दिन प्रवेश करने के साथ ही भाजपा ने कहा है कि पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस, दोनों के साथ ही बातचीत जारी है लेकिन अभी तक कोई ‘सार्थक नतीजा’ नहीं निकला है.
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने राज्य में सरकार गठन की स्थिति के बारे में अपना आकलन पेश किया. इस बीच पीडीपी के मुख्य प्रवक्ता नईम अख्तर ने कहा कि पर्दे के पीछे के संपर्क और विचार विमर्श जारी हैं लेकिन औपचारिक बातचीत के स्तर तक अभी नहीं पहुंच पाये हैं.
शाह और अख्तर की टिप्पणी ऐसे समय में आयी हैं जबकि एक दिन पहले भाजपा ने राज्यपाल एन एन वोहरा से सरकार गठन को लेकर पार्टियों के बीच चल रही वार्ता के मद्देनजर और समय मांगा है.
महाराष्ट्र में भाजपा के सदस्यता अभियान की समीक्षा के लिए मुंबई पहुंचे शाह ने कहा, हम जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन करना चाहते हैं. राज्यपाल वोहरा ने राज्य में सरकार गठित करने के लिए 19 जनवरी की समय सीमा तय की है. राज्य में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी 87 सदस्यीय विधानसभा में 28 सीटों के साथ सबसे बडे दल के रुप में उभरी है लेकिन उसके पास बहुमत नहीं है.
भाजपा 25 विधायकों के साथ दूसरा सबसे बडा दल है. नेशनल कांफ्रेंस को 15 सीटें जबकि कांग्रेस को 12 सीटें मिली हैं. छोटे दलों एवं निर्दलीय सात सीटों पर कामयाब रहे.
इधर पीडीपी के मुख्य प्रवक्ता अख्तर ने श्रीनगर में कहा कि भाजपा या किसी अन्य राजनीतिक दल के साथ अभी तक सरकार गठन को लेकर औपचारिक बातचीत नहीं हुई है. पीडीपी नेतृत्व ने पिछले सप्ताह पार्टी के भीतर कई दौर का आतंरिक विचार विमर्श किया. पार्टी भावी गठबंधन को लेकर अनिर्णय की स्थिति में बनी हुई है क्योंकि नवनिर्वाचित विधायकों का एक वर्ग भाजपा के साथ हाथ मिलाने को लेकर कडा विरोध कर रहा है.
दूसरी तरफ भाजपा किसी भी क्षेत्रीय दल के साथ गठजोड करने की संभावना पर तेजी से काम कर रही है ताकि इसे पहली बार राज्य में सत्ता में आने का मौका मिल सके.
दूसरी तरफ, नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला चिकित्सा के लिए गये अपने अभिभावकों को देखने के लिए इंग्लैंड गये हैं और उनके छह जनवरी से पहले वापस लौटने की उम्मीद नहीं है. तब तक उनकी पार्टी की ओर से सरकार गठन में कोई भूमिका निभाने की दिशा में प्रगति होने के आसार नजर नहीं आ रहे.
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के 23 दिसंबर को परिणाम घोषित करने के कुछ ही समय बाद पार्टी महासचिव राम माधव एवं वित्त मंत्री अरुण जेटली सहित भाजपा नेता जम्मू में नवनिर्वाचित पार्टी विधायकों से मिलने के लिए पहुंचे थे. माधव उसी रोज श्रीनगर चले गये और उन्होंने पीडीपी के मुजफ्फर हसन बेग सहित घाटी के कई राजनीतिक दलों के विभिन्न नेताओं से मुलाकात की. दोनों दलों में सरकार बनाने में भागीदारी को लेकर बातचीत में कोई प्रगति नहीं हुई है क्योंकि पीडीपी कश्मीर मुद्दे का हल निकालने के लिए राजनीतिक प्रक्रिया शुरु करने और सशस्त्र बल विशेष अधिकार कानून को वापस लेने के अपने कोर एजेंडा पर आश्वासन चाहती है.
पीडीपी इस आश्वासन को हासिल करने पर भी बल दे रही है कि संविधान के अनुच्छेद 370 को बरकरार रखा जायेगा. इस अनुच्छेद मे राज्य के विशेष दर्जे की गारंटी दी गयी है. पीडीपी एवं भाजपा नेताओं ने नववर्ष की पूर्व संध्या पर राज्यपाल एन एन वोहरा से अलग अलग समय पर मुलाकात की थी.
राज्यपाल से मुलाकात के बाद पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सराहना की थी जिससे यह संकेत गया कि उनकी पार्टी भाजपा के साथ हाथ मिला सकती है.
राज्यपाल से भाजपा प्रतिनिधिमंडल की कल हुई मुलाकात के बाद पार्टी ने यह कहते हुए अपना रुख नरम कर लिया कि उसे सरकार बनाने के लिए कोई जल्दबाजी नहीं है तथा उसने और समय मांगा है.
मुंबई में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा, हम जनादेश को देखते हुए जम्मू-कश्मीर सरकार गठन में भागीदारी करना चाहते हैं. दोनों दलों से बातचीत में अभी तक कोई सार्थक परिणाम सामने नहीं आ पाया है. राजनीतिक दलों को 19 जनवरी तक सरकार बनाने के लिए कोई गठबंधन करना होगा क्योंकि उसके बाद राज्यपाल प्रदेश में राज्यपाल शासन घोषित कर सकते हैं.

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