1984 दंगा पीडि़तों का रेल रोको अभियान, 20 ट्रेनों पर असर

बठिंडा : 1984 के दंगे की बरसी पर लुधियाना में दंगा पीडितों के द्वारा रेल रोको अभियान चलाया जा रहा है जिससे करीब 20 ट्रेनों का आवागमन बाधित है. वे दंगे पर एसआइअी की मांग कर रहे हैं. इनका साफ तौर पर कहना है कि जांच के नाम पर इन्हें ठगा गया है. मामले की […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 1, 2014 10:49 AM

बठिंडा : 1984 के दंगे की बरसी पर लुधियाना में दंगा पीडितों के द्वारा रेल रोको अभियान चलाया जा रहा है जिससे करीब 20 ट्रेनों का आवागमन बाधित है. वे दंगे पर एसआइअी की मांग कर रहे हैं. इनका साफ तौर पर कहना है कि जांच के नाम पर इन्हें ठगा गया है. मामले की जल्द जांच होनी चाहिए और आरोपियों को कडी सजा दी जानी चाहिए.

वहीं आम आदमी पार्टी के नेता और संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इस मामले पर भाजपा और कांग्रेस दोनों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि पिछले साल ही मामले की एसआइअी जांच के बारे में कहा गया था लेकिन दोनों ही बड़ी पार्टियां इसमें गंभीर नहीं दिख रही है.

पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार केंद्र की राजग सरकार पर उन लोगों को दंडित करने का दबाव बनाएगी जो 1984 के दंगों में सिखों की हत्या करने में कथित रुप से शामिल थे.

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष ने कहा कि 1984 के सिख विरोधी दंगे में मारे गए लोगों के परिवारों को पांच-पांख लाख रुपए अतिरिक्त मुआवजा देने का सरकार का फैसला उनके जख्मों पर मरहम लगाने की प्रक्रिया की महज शुरुआत है.

उन्होंने कहा, ‘‘मुआवजे के साथ आरोपियों को कडी सजा दिलाए जाना चाहिए जिसके लिए शिअद केंद्र सरकार पर दबाव बनाने में कोई कसर नहीं छोडेगी.’’ कल केंद्र सरकार ने घोषणा की थी कि वह 1984 के सिख विरोधी दंगे में मारे गए 3325 लोगों के निकट रिश्तेदारों के लिए पांच-पांच लाख रुपए देगी. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिख विरोधी दंगा फैल गया था.

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