BIMSTEC के दो दिवसीय सम्मेलन में खुलासा : भारत पर मंडरा रहा मादक पदार्थों की तस्करी का खतरा

नयी दिल्ली : भारत में मादक पदार्थों की तस्करी का खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि यह दुनिया के सबसे प्रमुख अफीम उत्पादन क्षेत्र ‘गोल्डन क्रीसेंट’ और ‘गोल्डन ट्राएंगल’ के बीच स्थित है. अधिकारियों ने शनिवार को बताया. मादक पदार्थों की तस्करी का मुकाबला करने के लिए बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 15, 2020 7:58 PM

नयी दिल्ली : भारत में मादक पदार्थों की तस्करी का खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि यह दुनिया के सबसे प्रमुख अफीम उत्पादन क्षेत्र ‘गोल्डन क्रीसेंट’ और ‘गोल्डन ट्राएंगल’ के बीच स्थित है. अधिकारियों ने शनिवार को बताया. मादक पदार्थों की तस्करी का मुकाबला करने के लिए बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक को-ऑपरेशन (बिम्सटेक) के सदस्यों का दो दिवसीय सम्मेलन शुक्रवार को समाप्त हुआ और इसमें भी इस समस्या को रेखांकित किया गया.

सम्मेलन के बाद जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, गोल्डन क्रीसेंट और गोल्डन ट्राएंगल की भौगोलिक स्थिति सभी बिम्सटेक सदस्यों को खतरनाक स्थिति में डाल देता है. दुनिया में अफीम उत्पादन के दो केंद्रों गोल्डन क्रीसेंट और गोल्डन ट्राएंगल के बीच भारत जोखिम वाले इलाके में आता है.

उल्लेखनीय है कि गोल्डन क्रीसेंट में अफगानिस्तान, ईरान और पाकिस्तान के इलाके आते हैं, जबकि गोल्डन ट्राएंगल वह इलाका है, जहां पर थाईलैंड, लाओस, म्यामां की सीमाएं रुक जाती हैं और मेकांग नदी के संगम पर मिलती है. बिम्सटेक क्षेत्रीय संगठन है और भारत के अलावा बांग्लादेश, भूटान,म्यामां, नेपाल, श्रीलंका, थाईलैंड इसके सदस्य हैं.

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