…तो स्वर्ण मंदिर के अंदर मोबाइल फोन पर लगाना पड़ेगा प्रतिबंध

चंडीगढ़ : अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने शुक्रवार को कहा कि यदि आगंतुक श्रद्धालु स्वर्ण मंदिर के अंदर ‘सेल्फी’ लेना और ‘टिक टॉक’ वीडियो बनाना जारी रखते हैं, तो इसके परिसर में मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लगाने का विचार करना पड़ेगा. टिक टॉक एक लघु वीडियो मंच है, जो भारत सहित विश्वभर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 7, 2020 9:34 PM

चंडीगढ़ : अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने शुक्रवार को कहा कि यदि आगंतुक श्रद्धालु स्वर्ण मंदिर के अंदर ‘सेल्फी’ लेना और ‘टिक टॉक’ वीडियो बनाना जारी रखते हैं, तो इसके परिसर में मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लगाने का विचार करना पड़ेगा.

टिक टॉक एक लघु वीडियो मंच है, जो भारत सहित विश्वभर में किशोर-किशोरियों में काफी लोकप्रिय है. इसके भारत में करीब 20 करोड़ उपयोगकर्ता हैं. इसका मालिकाना हक चीन की बाइट डांस कंपनी के पास है.

सिंह ने अमृतसर में संवाददाताओं से कहा, हम चाहते हैं कि सभी श्रद्धालु बगैर किसी बाधा के स्वर्ण मंदिर की यात्रा करें और हम इस तरह के प्रतिबंध (मोबाइल पर) लगाने के पक्षधर नहीं हैं लेकिन जिस तरह से टिक टॉक की घटनाएं सामने आ रही हैं, मुझे लगता है कि मोबाइल फोन साथ रखने पर (स्वर्ण मंदिर के अंदर) भविष्य में रोक लगाने पर विचार करना पड़ेगा.

जत्थेदार ने इस बात का भी जिक्र किया कि कुछ श्रद्धालु परिसर में तस्वीरें लेने से रोके जाने पर सेवादारों से बहस करने लग जाते हैं. उन्होंने कहा, यह बहुत ही गंभीर समस्या है. जत्थेदार ने श्रद्धालुओं से इस तरह की हरकतों से बचने की सलाह दी है.

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने आध्यात्मिक माहौल में किसी तरह के खलल को टालने के लिए मंदिर की चहारदीवारी के अंदर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर पहले से प्रतिबंध लगा रखा है. सिख धर्म स्थल की संगमरमर से बनी चहारदीवारी पर लगे नोटिस बोर्डों में श्रद्धालुओं को तस्वीरें खींचने और वीडियो बनाने से निषिद्ध किया गया है.

हालांकि, श्रद्धालु इसके बावजूद भी स्वर्णमंदिर को पृष्ठभूमि में रख कर ‘सेल्फी’ लेते हैं. स्वर्ण मंदिर के अंदर तीन लड़कियों द्वारा एक पंजाबी गाने की पृष्ठभूमि के साथ शूट किये गए एक टिकटॉक वीडियो के सोशल मीडिया पर फैलने के दो दिनों बाद जत्थेदार का यह बयान आया है. लड़कियों की पहचान करने के लिए एक पुलिस शिकायत दर्ज करायी गई हैं. पिछले कुछ समय में इस तरह की यह दूसरी घटना है.

इससे पहले जनवरी में एक लड़की के खिलाफ एक पुलिस शिकायत दर्ज करायी गई थी. उस पर आरोप लगाया गया कि उसने दरबार साहिब परिसर के अंदर एक नृत्य वीडियो शूट कर सिखों की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है. बाद में लड़की को माफी मांगनी पड़ी थी. इस बीच, जत्थेदार के विचारों से सहमति जताते हुए एसजीपीसी प्रमुख गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने कहा कि स्वर्ण मंदिर की चहारदीवारी के अंदर टिकटॉक वीडियो बनाने से लोगों को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है.

लोंगोवाल ने कहा, यदि इस तरह की घटनाएं नहीं रुकी तो हमें सख्त कार्रवाई करनी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि गुरुद्वारा परिसर में वीडियो बनाने से श्रद्धालुओं को रोकने के लिए एसजीपीसी के कार्यकर्ताओं को तैनात किया जाएगा. उन्होंने कहा, हम एसजीपीसी की कार्यकारिणी समिति की आगामी 12 फरवरी को होने वाली बैठक में इस मुद्दे पर भी चर्चा करेंगे.

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