कोरोना वायरस : वुहान और केरल के बीच संबंध

कोच्चि : भारत में कोरोना वायरस की जांच में अब तक जो तीन मामले पॉजिटिव पाए गए हैं उनमें केरल के वे छात्र हैं जो चीन के ऐतिहासिक शहर वुहान में एक विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त करने गए थे. इसके चलते वुहान और केरल के बीच संबंध सुर्खियों में है. केरल निवासियों के बीच वुहान […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 4, 2020 9:49 PM

कोच्चि : भारत में कोरोना वायरस की जांच में अब तक जो तीन मामले पॉजिटिव पाए गए हैं उनमें केरल के वे छात्र हैं जो चीन के ऐतिहासिक शहर वुहान में एक विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त करने गए थे.

इसके चलते वुहान और केरल के बीच संबंध सुर्खियों में है. केरल निवासियों के बीच वुहान शहर शिक्षा का एक लोकप्रिय केंद्र है जहां कम खर्च में चिकित्सा की पढ़ाई की जा सकती है.

पढ़ाई में लगने वाला कम खर्च, सुविधाएं और अंग्रेजी में मिलने वाली अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा के चलते केरल के छात्र चीन स्थित वुहान यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में दाखिला लेने के इच्छुक रहते हैं.

वुहान चीन की राजधानी बीजिंग से एक हजार किलोमीटर और चीन की वित्तीय राजधानी शंघाई से आठ सौ किलोमाटर से अधिक दूरी पर स्थित है. वुहान एक ऐतिहासिक शहर है जिसने बीसवीं शताब्दी के चीन में अहम भूमिका निभाई थी.

वुहान से लौटे एक छात्र ने मंगलवार को कहा, मैं वुहान विश्वविद्यालय में चिकित्सा शिक्षा को लेकर बहुत खुश हूं. वे कम खर्च में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देते हैं. एमबीबीएस की तृतीय वर्ष की छात्रा ऐश्वर्या हरिहरन के अनुसार वुहान यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन केरल के छात्रों के लिए एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए आकर्षण का केंद्र है क्योंकि वहां अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा दी जाती है.

विश्वविद्यालय के बाहर से आये छात्रों को अंग्रेजी में शिक्षा दी जाती है. ऐश्वर्या ने कहा, हमारे बैच में लगभग सत्तर अंतरराष्ट्रीय छात्र हैं जिनमें से पचास केरल के हैं. छात्रों का दावा है कि विश्वविद्यालय में प्रदान की जाने वाली सुविधाएं भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर की हैं.

छात्रों के मुताबिक केरल के पांच सौ छात्र वुहान यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में एमबीबीएस पाठ्यक्रम में पढ़ते हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि वुहान जल्दी ही विषाणु के खतरे से मुक्त हो जाएगा और छात्र अपनी पढ़ाई जारी रख पाएंगे. छात्रों के अनुसार केरल में 35 चिकित्सा कॉलेज हैं, लेकिन सभी को उनमें सीट नहीं मिल सकती.

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