आज मनाया जा रहा है 72वां सेना दिवस, जानिए किस सैन्य अधिकारी को समर्पित है ये खास दिन

नयी दिल्ली: आज यानी 15 जनवरी को 72वां सेना दिवस मनाया जा रहा है. इस मौके पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, जनरल बिपिन रावत, थल सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरके भदौरिया नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में जाकर देश के लिए प्राणों की […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 15, 2020 9:55 AM

नयी दिल्ली: आज यानी 15 जनवरी को 72वां सेना दिवस मनाया जा रहा है. इस मौके पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, जनरल बिपिन रावत, थल सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरके भदौरिया नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में जाकर देश के लिए प्राणों की आहूति देने वाले शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी.

Delhi: Chief of Defence Staff (CDS) General Bipin Rawat, Army chief General Manoj Mukund Narawane, chief of the Air Staff Air Chief Marshal RKS Bhadauria and Navy chief Admiral Karambir Singh pay tribute at the National War Memorial on #ArmyDay2020 today. pic.twitter.com/xz9mAHCtSD

— ANI (@ANI) January 15, 2020

जानिए फील्ड मार्शल एम करियप्पा से संबंध

भारत में हर साल 15जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है. सेना दिवस भारतीय सेना के पहले कमांडर इन चीफ फील्ड मार्शल एम करियप्पा की याद में मनाया जाता है. जानकारी के मुताबिक 15 जनवरी 1949 को फील्ड मार्शल एम करियप्पा ने ब्रिटिश भारतीय सेना के आखिरी कमांडर इन चीफ जनरल सर फ्रांसिस बुचर से पदभार लिया था. इस बार का सेना दिवस इसलिए भी खास है क्योंकि पहली बार ऐसा होने जा रहा है जब एक महिला कैप्टन तान्या शेरगिल सेना दिवस में शामिल होने जा रहे पुरुषों की टीम का नेतृत्व करेंगी.

थल सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने सेना दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधानों को हटाए जाने का फैसला एतिहासिक था. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की इस पहल से पश्चिमी पड़ोसी देशों द्वारा छेड़े जाने वाले छद्‌म युद्धों पर असर पड़ा है.

उन्होंने करियप्पा ग्राउंड में आयोजित परेड के दौरान कहा कि हमारी आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति है. जनरल नरवणे ने कहा कि आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों को जवाब देने के लिए हमारे पास कई विकल्प हैं और उनका इस्तेमाल करने में हमें कोई हिचकिचाहट नहीं होगी.

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