वाराणसी: आखिरकार 12 दिन बाद अपनी मां से मिली नन्हीं ”चंपक’, जानिए क्यों होना पड़ा था जुदा

वाराणसी: चौदह महीने की चंपक आखिरकार अपनी मां से मिल पाई है. चंपक की मां को जेल से रिहा कर दिया गया. अपनी मां एकता से मिलने के बाद चंपक के चेहरे की मुस्कान देखते ही बनती है. कभी वो अपनी मां को नन्ही बाहों में भर लेती है तो कभी चूमती है. चंपक की […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 2, 2020 10:31 AM

वाराणसी: चौदह महीने की चंपक आखिरकार अपनी मां से मिल पाई है. चंपक की मां को जेल से रिहा कर दिया गया. अपनी मां एकता से मिलने के बाद चंपक के चेहरे की मुस्कान देखते ही बनती है. कभी वो अपनी मां को नन्ही बाहों में भर लेती है तो कभी चूमती है. चंपक की मां एकता भी खुश है. उनकी आंखों में अपनी बेटी से इतने दिनों तक दूर रहने के दर्द और मुलाकात की खुशी का मिश्रित भाव साफ दिखाई देता है.

अपनी बेटी से मिलने के बाद एकता ने बताया कि, ‘चंपक अभी केवल मेरे दूध पर निर्भर है. मैं जेल में लगातार उसे लेकर चिंतित थी. मेरे लिए पिछला दो हफ्ता काफी मुश्किल था’. चंपक की नानी और उसकी बड़ी मां ने बताया कि ‘वो अपनी मां के कपड़ों को देखकर रोने लगती थी. इसलिए हमने एकता के सारे कपड़े छिपा दिए थे’.

अपनी मां से क्यों जुदा हुई थी चंपक

चंपक आखिर अपनी मां से जुदा ही क्यों हुई थी. आखिर क्यों एक मां को अपनी चौदह महीने की बेटी से दूर रहना पड़ा. आपको पूरा मामला समझाते हैं. पता होगा कि इस वक्त देश भर में संसद द्वारा पारित नागरिकता संसोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रिजस्टर का विरोध हो रहा है. देश के अलग-अलग हिस्सों से विरोध प्रदर्शन की तस्वीरें मीडिया सहित सोशल मीडिया में छाई है. इसी के तहत बीते 19 दिसंबर को वाराणसी में भी नागरिकता संसोधन कानून का विरोध हो रहा है.

विरोध प्रदर्शन में शामिल थीं एकता. साथ में उनके पति भी थे. दोनों सोशल एक्टिविस्ट हैं और अक्सर सामाजिक मुद्दों पर वाराणसी में मुखर रहे हैं. विरोध प्रदर्शन के दौरान वाराणसी पुलिस ने दोनों पति-पत्नी को हिरासत में ले लिया और अकेली रह गयीं नन्ही चंपक.

गिरफ्तार होने के बाद दोनों पति-पत्नी को कई दिन जेल में बिताने पड़े. लेकिन आज आखिरकार उन्हें जमानत मिल गयी. और नन्ही चंपक अपनी मां से मिल पाई है.

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