शिवसेना के पास मुंबई महापौर का पद बना रहना तय, भाजपा ने नहीं उतारा उम्मीदवार

मुंबई : देश की सबसे अमीर नगरपालिका के चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार नहीं उतारने के निर्णय के बाद शिवसेना के पास मुंबई महापौर का पद बने रहना सोमवार को लगभग तय हो गया है. शिवसेना की उम्मीदवार किशोरी पेडणेकर ने 22 नवबर को होने वाले महापौर पद के चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 18, 2019 8:00 PM

मुंबई : देश की सबसे अमीर नगरपालिका के चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार नहीं उतारने के निर्णय के बाद शिवसेना के पास मुंबई महापौर का पद बने रहना सोमवार को लगभग तय हो गया है.

शिवसेना की उम्मीदवार किशोरी पेडणेकर ने 22 नवबर को होने वाले महापौर पद के चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने का सोमवार को अंतिम दिन था. इससे पहले भाजपा विधायक आशीष शेलार ने कहा कि भाजपा मुंबई महापौर के चुनावों में अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के पास संख्या बल नहीं है और विपक्षी दलों के साथ शामिल होकर पार्टी अपनी विचारधारा के साथ समझौता नहीं करेगी. शेलार ने दावा किया कि 2022 में भाजपा के पास संख्या होगी और पार्टी अपने बलबूते महापौर चुनाव में जीत दर्ज करेगी. शिवसेना ने भाजपा के समर्थन से बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) में दो दशकों से अधिक समय तक शासन किया है.

भाजपा के चुनाव नहीं लड़ने के फैसले से शिवसेना के महापौर पद पर कब्जा बरकरार रखने का मार्ग प्रशस्त हो गया. बीएमसी की कुल 227 सीटें हैंझ. इन पार्षदों द्वारा महापौर का चुनाव किया जाता है. वर्तमान में शिवसेना के पास बीएमसी में 84 सदस्य हैं और भाजपा के पास 82 सदस्य हैं. वर्ष 2017 में भाजपा ने इस पद के लिए शिवसेना के विश्वनाथ महादेश्वर का समर्थन किया था. प्रभादेवी से चार बार पार्षद रही पेडणेकर ने सोमवार को महापौर पद के लिए नामांकन दाखिल किया, जबकि पार्षद मलाड सुहास वडकर ने उपमहापौर पद के लिए नामांकन दाखिल किया. गौरतलब है कि गत 21 अक्टूबर को महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव के परिणामों की घोषणा होने के बाद मुख्यमंत्री पद के बंटवारे को लेकर शिवसेना और भाजपा के बीच खींचतान चलती रही है और इस वजह से सरकार गठन में गतिरोध बना रहा.

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