पहली नेत्रहीन महिला आईएएस अधिकारी ने सहायक कलेक्टर के रूप में तिरुवनंतपुरम में पदभार संभाला

तिरुवनंतपुरम : भारत की पहली नेत्रहीन महिला आईएस अधिकारी प्रांजल पाटिल ने तिरुवनंदपुरम में सहायक कलेक्टर के रूप में पदभार संभाला है. 2017 में यूपीएससी परीक्षा में 124वीं रैंक हासिल करने वाली प्रांजल पाटिल ने दिव्यांग होने के बावजूद भी हिम्मत नहीं छोड़ी और यह मुकाम हासिल कर लिया. महाराष्ट्र के उल्हासनगर की रहने वाली […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 14, 2019 1:28 PM

तिरुवनंतपुरम : भारत की पहली नेत्रहीन महिला आईएस अधिकारी प्रांजल पाटिल ने तिरुवनंदपुरम में सहायक कलेक्टर के रूप में पदभार संभाला है. 2017 में यूपीएससी परीक्षा में 124वीं रैंक हासिल करने वाली प्रांजल पाटिल ने दिव्यांग होने के बावजूद भी हिम्मत नहीं छोड़ी और यह मुकाम हासिल कर लिया. महाराष्ट्र के उल्हासनगर की रहने वाली प्रांजल पाटिल एक मिसाल हैं खासकर उन लोगों के लिए जो परिस्थिति को बड़ा कारण मानकर हार मान लेते हैं.

प्रांजल इससे पहले केरल के एर्नाकुलम जिले में सहायक कलेक्टर के रूप में काम कर रहीं थी. प्रांजल पाटिल ने साल 2016 में अपने पहले ही प्रयास में संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 733वीं रैंक हासिल की थी. प्रांजल को उस समय भारतीय रेलवे लेखा सेवा (आईआरएएस) में नौकरी आवंटित की गई थी.
ट्रेनिंग के समय रेलवे मंत्रालय ने उन्हें नौकरी देने से इनकार कर दिया. रेलवे मंत्रालय ने प्रांजल की सौ फीसदी नेत्रहीनता को कमी का आधार बनाया था. इसे लेकर खूब खबरें छपी इस कठिन वक्त ने प्रांजल का साथ उनके माता – पिता ने दिया साल 2017 में फिर से यूपीएससी परीक्षा पास की और 124वीं रैंक हासिल की. उन्होंने बताया कि वे हमेशा से ही आईएएस अधिकारी बनना चाहती थीं और उनका सपना अब पूरा हो गया है.

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