दोहरे हत्याकांड : सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा के अमल पर 16 अक्तूबर तक रोक लगायी
नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायलाय ने मंगलवार को कोयम्बटूर दोहरे हत्याकांड के दोषी की मौत की सजा के अमल पर रोक लगा दी. बलात्कार और दोहरे हत्याकांड के इस अपराधी को सुनाये गये मृत्यु दंड की उच्चतम न्यायालय ने भी पिछले महीने पुष्टि कर दी थी और 20 सितंबर को उसकी मौत की सजा पर […]
नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायलाय ने मंगलवार को कोयम्बटूर दोहरे हत्याकांड के दोषी की मौत की सजा के अमल पर रोक लगा दी. बलात्कार और दोहरे हत्याकांड के इस अपराधी को सुनाये गये मृत्यु दंड की उच्चतम न्यायालय ने भी पिछले महीने पुष्टि कर दी थी और 20 सितंबर को उसकी मौत की सजा पर अमल होना था.
न्यायमूर्ति आरएफ नरिमन, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ ने शीर्ष अदालत के एक अगस्त के फैसले पर पुनर्विचार के लिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए मनोहरन की मौत की सजा के अमल पर रोक लगायी. मनोहरन की वकील ने दलील दी कि वह इस मामले में बहस करने से पहले निचली अदालत में रखे इस मुकदमे के रिकार्ड का निरीक्षण करना चाहती हैं. पीठ ने दोषी की वकील को अंतिम अवसर देते हुए स्पष्ट किया कि उन्हें इस मामले में 16 अक्तूबर को बहस करनी होगी क्योंकि यह मौत की सजा से संबंधित मामला है.
दोषी की वकील ने न्यायालय से कहा कि इस मामले में सात वकील बदले गये जिसकी वजह से निचली अदालत से लेकर शीर्ष अदालत तक दोषी का सही तरीके से प्रतिनिधित्व नहीं हुआ. शीर्ष अदालत ने पिछले महीने ही एक के मुकाबले दो के बहुमत से मनोहरन की मौत की सजा की पुष्टि की थी. मनोहरन को एक नाबालिग बच्ची का बलात्कार करने और उसके तथा उसके छोटे भाई की हत्या करने के जुर्म में मौत की सजा सुनायी गयी है.