”डच” की मौत से दुखी है आर्मी ईस्टर्न कमांड, चंद मिनटों में सूंघकर बता देता था IED का पता, सैनिकों ने दी सलामी

आर्मी ईस्टर्न कमांड ने शनिवार को कुत्ते ‘डच’ की मौत पर शोक मनाया जो 9 साल का था. ‘डच’ Eastern Command का तमगाधारी कुत्ता था, सेना के विभिन्‍न तरह के ऑपरेशनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुका था. राष्ट्र की सेवा में उसने रियल हीरो की भूमिका निभायी. अपने जीवनकाल में ‘डच’ ने कई बार बड़े […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 14, 2019 1:17 PM

आर्मी ईस्टर्न कमांड ने शनिवार को कुत्ते ‘डच’ की मौत पर शोक मनाया जो 9 साल का था. ‘डच’ Eastern Command का तमगाधारी कुत्ता था, सेना के विभिन्‍न तरह के ऑपरेशनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुका था. राष्ट्र की सेवा में उसने रियल हीरो की भूमिका निभायी.

अपने जीवनकाल में ‘डच’ ने कई बार बड़े विस्‍फोटक खोजकर निकाले और बड़ा हादसा होने से बचाया. बताया जा रहा है कि डच का जन्‍म 3 अप्रैल 2010 को मेरठ के आरवीसी सेंटर एंड कॉलेज में हुआ था जो भारतीय सेना का सबसे अहम डॉग था.

‘डच’ के कारनामों की बात करें तो उसने आतंकरोधी अभियानों में कमाल की भूमिका अदा की. विस्‍फोटक को सूंघकर वह चंद मिनटों में ढूंढ लेता था. असम के गोलपारा में दिसंबर 2014 में एक पब्‍लिक बस में 6 किग्रा आईईडी का पता उसने ही लगाया था जिससे बड़ी दुर्घटना होने से बच गयी थी.

ईस्‍टर्न कमांड ने डच को दो बार सम्‍मानित किया था. ‘डच’ की मौत पर Eastern Command ने ट्वीट करते हुए लिखा कि #Condolence #ArmyCdrEC condoles the death of ‘Dutch’ a 9 yr old ED dog who died on 11 Sept. He was a decorated dog of #EasternCommand who was instrumental in identifying IEDs in various CI/CT Ops. A real hero in service to nation. #Salute…

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